पशुओं में लंपी रोग का टीका विकसित करने के लिए आईवीआरआई तथा राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान को मिला संयुक्त पुरस्कार । आईवीआरआई, इज्जतनगर  तथा एनआईएफएमडी, भुवनेश्वर को थेरमो टोलेरेंट ‘ओ  एफएमडी  वैक्सीन को विकसित करने के लिए  पुरस्कार से नवाजा गया 

बरेली , 17 जुलाई। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 95वें स्थापना दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में माननीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर , केन्द्रीय राज्य मंत्री पशुपालन तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपाध्यक्ष श्री पुरुषोतम रूपाला, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार श्री कैलाश चौधरी तथा अतिरिक्त सचिव डेयर एवं सचिव, आईसीएआर, श्री संजय गर्ग, आईसीएआर के महानिदेशक एवं सचिव डेयर डॉ  हिमांशु पाठक तथा अतिरिक्त सचिव एवं वित्त सलाहकार, डेयर श्रीमती अलका  अरोरा  की उपस्थिति में पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
पशुओं में लंपी रोग का टीका विकसित करने के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई)  तथा राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान, हिसार  को मिला संयुक्त अवार्ड । देश में फैले लंपी रोग हेतु विकसित पहली स्वदेशी वैक्सीन इस रोग की रोकथाम हेतु वरदान साबित होगी ।
आईवीआरआई, इज्जतनगर  तथा एनआईएफएमडी, भुवनेश्वर को थेरमो टोलेरेंट ‘ओ’  एफएमडी  वैक्सीन को विकसित करने के लिए  पुरस्कार से नवाजा गया
गर्मी में मौसम में तापमान अधिक बढ्ने पर इस थेरमो टोलेरेंट ‘ओ‘ वैक्सीन की गुणवत्ता वर्तमान वैक्सीन की तुलना में अधिक होगी ।
संस्थान की दो तकनीकें व्यवसायिक घरानों को हस्तांतरित हुई जिनमें
संस्थान के पशु पोषण विभाग के डॉ नारायण दत्ता द्वारा विकसित नॉवलआहार संपूरक को मेसर्स ऐमिल फार्मास्यूटिकल्स (इंडिया ) लिमिटेड,  नई  दिल्ली को हस्तांतरित की गयी। इस नॉवल आहार संपूरक को खिलाने से गोवंश की भूख बढ़ती है। पशुओें की शारीरिक स्थिति, प्रतिरक्षा और सामान्य स्वास्थ्य में भी सुधार होता  है। गौवंश पशुओं की पुनरूत्पादन क्षमता को बढ़ाता है तथा  दुधारू पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता में वृद्धि  करता है ।
पशु पुनरुत्पादन विभाग के डॉ  बृजेश द्वारा बनाई गयी ओवरियन सिस्ट एबलेशन  डिवाइस को मेसर्स क्रिएटिव डिस्प्लेयर्स, कोलकाता, पश्चिम बंगाल को हस्तांतरित किया गया । ओवरियन सिस्ट एबलेशन  डिवाइस द्वारा गायों में ओवरी के अंदर बनी गांठ को अलग किया जा सकता है तथा काफी हल्का  होने के कारण इस डिवाइस  को आसानी से कहीं भी ले जाया  जा सकता है ।
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की तीन तकनीकों का प्रमाणीकरण भी किया गया जिनमे डॉ.  संचय विश्वास की  ब्लूटंग के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आधारित ब्लॉकिंग एलिसा किट;  डॉ  विकास चन्द्र की घाव भरने के लिए मेसेनकाइमल स्टेम सेल कंडिशंड मीडिया -आधारित फॉर्मूलेशन तकनीक तथा डॉ राजीव रंजन की हार्वेस्टिंग ऑफ चिकन स्किन फेट फ्राम पौल्ट्री स्लीवस   शामिल हैं ।
आईवीआरआई  की  तकनीकों का हुआ प्रदर्शन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 95वें स्थापना दिवस के अवसर पर आईवीआरआई  की संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा डॉ रूपसी तिवारी की अध्यक्षता में डॉ.  अनुज चौहान, प्रभारी आईटीएमयू, डॉ. विक्रमादित्य  उपमन्यु, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने  पशु विज्ञान एसएमडी  के सभी संस्थानों  की वैक्सीन एवं नेदानिक तकनीकों का प्रदर्शन किया ।
इस अवसर पर किसान गोष्ठी एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. बी. पी. सिंह ने कृषको को भारतीय कृषि में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के योगदान  तथा इसके द्वारा कृषको के लिए विकसित कृषि तकनीक के बारे में बताया जिनकों अपनाकर किसान अपने खेतो की उत्पादकता और आय को बढ़ा सकते हैं।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट
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