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पहलवानों के आंदोलन को लेकर बन रहे हालात से भाजपा बेचैन, वेस्ट यूपी के नेताओं ने हाईकमान तक भिजवाया ये संदेश

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का आंदोलन पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में केंद्रित होने की संभावना से भाजपा सतर्क हो गई है। पहलवानों के समर्थन में बृहस्पतिवार को मुजफ्फरनगर के सौरम में 12 साल बाद सर्वखाप पंचायत बुलाई गई है। इसे लेकर क्षेत्रीय भाजपा नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को आगाह किया है।

सौरम में अंतिम सर्वखाप पंचायत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के आग्रह पर साल 2011 में बुलाई गई थी। कृषि कानूनों के खिलाफ हुए बड़े आंदोलन में भी यहां सर्वखाप पंचायत नहीं हुई। यही कारण है, बृहस्पतिवार की पंचायत को खासा महत्व दिया जा रहा है। पश्चिम यूपी के एक नेता ने बताया, उन्होंने और कई दूसरे नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को आगाह किया है। सर्वखाप पंचायत के बाद सिंह बनाम पहलवानों के दंगल का केंद्र पश्चिम उत्तर प्रदेश बन सकता है, क्योंकि पहलवानों ने पहली बार हरियाणा को छोड़ कर पश्चिम उत्तर प्रदेश से जुड़े किसान नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत पर अंतिम फैसला छोड़ दिया है।

भाजपा नेता ने बताया कि नेतृत्व से विवाद में बीच का रास्ता निकालने का आग्रह किया गया है। इससे पहले, जाट आरक्षण और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में पार्टी इस बिरादरी की नाराजगी को हरियाणा तक सीमित करने और कृषि कानूनों की वापसी के बाद डैमेज कंट्रोल करने में सफल रही थी। इन दोनों मामलों से इतर सिंह बनाम पहलवानों का मामला दो जातियों की लड़ाई बन रही है।

हरियाणा में भी पहलवानों के आंदोलन में किसान नेता खुलेतौर पर कूद पड़े हैं। भाकियू (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने कहा कि हमने चार जून को मुंडलाना में महापंचायत बुलाई है, जहां आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। वहीं, भाकियू (टिकैत) के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने कहा कि सौरम में जो फैसला होगा, उसी आधार पर हरियाणा में आंदोलन तेज किया जाएगा। किसान नेताओं का मकसद एक होने के बावजूद बड़ा आंदोलन खड़ा करने के लिए फिलहाल इनके सुर और ताल नहीं मिल रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ जांच अभी चल रही है, मामले की जांच पूरी संवेदनशीलता के साथ हो रही है। पुलिस को यह सफाई इसलिए देनी पड़ी कि उसके एक आला अफसर ने बुधवार कोदावा किया था कि सिंह के खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं। पर, एक घंटे में ही पुलिस दावे से पीछे हट गई। बाद में, पुलिस प्रवक्ता ने बताया, महिला पहलवानों की ओर से दायर मामले अभी विचाराधीन हैं। अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने से पहले कुछ भी करना प्रक्रिया के खिलाफ होगा।

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पहलवानों को पुलिस की जांच खत्म होने का इंतजार करना चाहिए। पुलिस, सुप्रीम कोर्ट और खेल मंत्रालय पर भरोसा करना चाहिए। जांच तक ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे खेल और खिलाड़ियों को नुकसान हो।

पहलवानों से बदसलूकी के विरोध में प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी बुधवार को कोलकाता में रैली में शामिल हुईं। ममता ने हाथ में तख्ती ले रखी थी, जिस पर न्याय की मांग का नारा लिखा गया था। रैली में पूर्व खिलाड़ी भी शामिल हुए।

बृजभूषण सिंह ने फिर सफाई दी कि अगर उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का एक भी मामला साबित हो जाता है, तो वह खुद फांसी लगा लेंगे। उन्होंने कहा, गंगा में पदक बहाने से मुझे फांसी नहीं होगी।

 

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