पूर्व TMC लीडर के खुलासे: स्कूल में भी नहीं पढ़ा पाने वाले पार्थ के चलते यूनिवर्सिटी में आ गए, हर पोस्ट की कीमत थी

कोलकाता: पूर्व टीएमसी नेता बैसाखी बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने दावा किया कि चटर्जी के कार्यकाल के दौरान लोगों को शिक्षण संस्थानों में डायरेक्ट एंट्री मिल गई। मालूम हो कि बैसाखी पश्चिम बंगाल कॉलेज एंड यूनिवर्सिटीज प्रोफेसर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूबीसीयूपीए) की पूर्व महासचिव भी हैं। बनर्जी ने कहा, ‘यह देखना अजीब लगता था कि साधारण बैकग्राउंड से आने वाले स्टूडेंट लीडर्स एजुकेशनल सेक्टर में पावरफुल और बड़े नाम बन जाते थे। पश्चिम बंगाल कॉलेज यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स एसोसिएशन (WBCUPA) के बीच एक सिंडिकेट काम कर रहा था जो यूनिवर्सिटी में हर एक पोस्ट बेचने के लिए थी और जिसकी कीमत लगाई गई थी। पार्थ चटर्जी के चलते ऐसे लोग सीधे विश्वविद्यालय में आ गए जो स्कूल में भी नहीं पढ़ा सकते थे।’

मैंने कार्रवाई की लेकिन फायदा नहीं हुआ: बैसाखी बनर्जी
बैसाखी बनर्जी दावा करती हैं कि उन्होंने ये मामले पार्थ चटर्जी के सामने रखे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘पार्थ चटर्जी की वजह से चोरों को जॉब मिल रही थी। मैंने कार्रवाई करने की कोशिश की, भ्रष्टाचार के आरोपी एक व्यक्ति को निलंबित किया और उन लोगों को डांट लगाई जो इसमें शामिल थे। कुछ दिनों के बाद मुझे समझ आया कि यह सब तो मुखौटा है। कुछ दिनों बाद वही लोग और अधिक शक्तिशाली तरीके से शिक्षा के क्षेत्र में वापस आने लगे। मैं समझ गई कि भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा और हालात और बिगड़ते चले गए।’ पूर्व TMC लीडर ने कहा, ‘पार्थ चटर्जी अपने से ऊपर किसी को नहीं मानते, यहां तक कि पार्टी चीफ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी नहीं। उन्होंने कई बार अपने पद का दुरुपयोग किया। पूरे शिक्षा विभाग को अपने नियंत्रण में ले लिया। उन्होंने सारा भ्रष्टाचार खुद के लिए किया।’

पार्थ चटर्जी के कहने पर राजनीति में आई: बैसाखी
बैसाखी बनर्जी ने दावा किया कि वह पार्थ चटर्जी के कहने पर ही राजनीति में आईं। उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए अब तक सबसे दुखद समय है क्योंकि पार्थ चटर्जी मुझे यह कहकर राजनीति में लाए कि यहां बहुत भ्रष्टाचार है। अगर आपकी तरह कोई अच्छे परिवार से यहां आता है तो वह पैसे के लिए नहीं आएगा। आप जैसी और भी लड़कियों को राजनीति में आना चाहिए। मैंने इसे सच माना और मेरे राजनीतिक करियर की शुरुआत 2016 में हुई।’

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------
E-Paper