बेड कोलेस्ट्रॉल आपके शरीर के इन हिस्सों पर करता है वार, सेहत के इस ‘दुश्मन’ को तुरंत करें ‘बाय बाय’
नई दिल्ली। कोलेस्ट्रॉल आपके खून में मौजूद एक चिपचिपा पदार्थ है जो स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, लेकिन अगर ये बहुत अधिक हो जाए तो खतरनाक भी हो सकता है। 200 mg/dL या इससे ज्यादा की कोई भी चीज सेहत के लिए खतरा मानी जाती है. हाई कोलेस्ट्रॉल को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है क्योंकि अक्सर कोई साफ लक्षण नजर नहीं आते और सामान्य स्थिति से स्ट्रोक या हार्ट डिजीज जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, आप इसे रोक सकते हैं.
अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच के लिए नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवाना हमेशा सही फैसला होता है और जीवनशैली के विकल्प जैसे धूम्रपान न करना, हफ्ते में 150 मिनट एक्सरसाइज करना और हेल्दी डाइट खाने से कोलेस्ट्रॉल के सामान्य स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है. आइए जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल आपके शरीर को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है.
कोलेस्ट्रॉल के सबसे खतरनाक पहलुओं में से एक है ‘एथेरोस्क्लेरोसिस’, धमनियों में प्लाक का निर्माण करता है, जिससे ब्लॉकेज हो सकता है. धमनियों के जरिए हार्ट के टिश्यूज में ब्लड और ऑक्सीजन पहुंचता है अगर इसमें रुकावट पैदा हो जाए तो जान भी जा सकती है. इस कंडीशन को ‘कोरोनरी आर्टरी डिजीज’ कहा जाता है.
हाई कोलेस्ट्रॉल प्लाक बनाकर धमनियों को नुकसान पहुंचाता है जो ब्लड फ्लो को रोकता है और ऑक्सीजन डिलिवरी में रुकावट डालता है. जब ये हृदय को पोषण देने वाली कोरोनरी आर्टरीज में होता है, तो दिल कमजोर हो जाता है और सही तरीके से खून को पंप नहीं कर पाता, और फिर सीने में दर्द के बाद हार्ट अटैक आ जाता है.
हार्ट अटैक के अलावा, ‘एथेरोस्क्लेरोसिस’ दिल के ब्लड पंप करने की क्षमता को कम करता है. इससे खून का थक्का या तो दूर की नसों में या हृदय के भीतर ही बनना आसान हो जाता है. थक्के फेफड़ों तक जा सकते हैं जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. ऑक्सीजन की कमी के कारण जान भी जा सकती है. एक क्लॉटिंग ब्रेन में भी होती है जिससे वहां के अहम टिश्यू रिस्ट्रिक्ट हो जाते हैं और फिर स्ट्रोक आ जाता है. अगर इसका तुरंत इलाज न किया गया तो ये घातक हो सकता है.
हाई कोलेस्ट्रॉल भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है. जैसे-जैसे धमनियों में प्लाक जमने लगते, वो सख्त और तंग हो जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो में रुकावट आने लगती है. शरीर के तमाम हिस्से में ब्लड को ट्रांस्फर करने के लिए आपके दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. एक्स्ट्रा प्रेशर की वजह से आर्टरीज के दीवार कमजोर होने लगते हैं.