‘ब्लैक रिबन पहल’ के ‘संकल्प’ अभियान के तहत 659वीं कार्यशाला संपन्न
“साइबर सुरक्षा के लिए साझा प्रयास जरुरी हैं”: डॉ. वरूण कपूरइन्दौर। ब्लैक रिबन पहल, ‘संकल्प’ अभियान के तहत डॉ. वरूण कपूर-अति. पुलिस महानिदेशक द्वारा इंडेक्स इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज मालवांचल यूनिवर्सिटी, इंदौर में ‘सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में डेंटल कॉलेज के 113 छात्र-छात्राओं एवं 10 व्याख्याताओं ने भाग लिया।
डॉ. कपूर द्वारा सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता के संबंध में सायबर सुरक्षा के लिए साझा प्रयास की आवश्यकता पर बल देते हुए बताया कि वर्तमान में कम्प्यूटर एवं इंटरनेट का उपयोग हमारे जीवन का एक अंग हो गया है। हमारे दैनिक जीवन का काफी समय आभासी दुनिया में व्यतीत हो रहा है। दुनिया के बदलते परिवेश में अपने आप को उसके अनुरूप ढालना होगा, क्योंकि यदि आप उससे तालमेल नहीं बैठाते हैं, तो किसी खतरे में भी पड़ सकते हैं। वास्तविक दुनिया एवं आभासी दुनिया में बड़ा अंतर है। वास्तविक दुनिया के खतरे दिखाई पड़ते हैं, किन्तु आभासी दुनिया के नहीं। वास्तविक दुनिया में उत्पन्न खतरों से पुलिस आपकी सुरक्षा कर सकती है, किन्तु सायबर वर्ल्ड में हो रहे सायबर अपराध से बचाव आपकी जागरूकता पर निर्भर है। इसके लिए आपको हमेशा सतर्क एवं जागरूक रहकर सायबर स्पेस का उपयोग करना चाहिए।सायबर अपराधी अपनी पहचान छुपाकर सोशल मीडिया, ईमेल, चैटरूम इंस्टेंट मैसेजिंग और गेमिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग कर शिकार बनाते हैं और ऐसे कार्य करने के लिये प्रेरित करते हैं, जिससे उन्हें आसानी से ब्लैकमेल किया जा सके। सायबर अपराध से बचने के लिए अनजान से संपर्क नहीं करना चाहिए। यदि वह जाना पहचाना भी हो, तो उसकी पड़ताल करें। अनजान फोन, विडियो कॉल, ईमेल, लिंक और एसएमएस को ओपन न करें। व्यक्तिगत जानकारियों को शेयर न करें। व्हाट्सऐप पर प्रसारित होने वाली अधिकांश जानकारी झूठी होती है।हमारी छोटी-सी चूक भी हमारे लिए मुसीबत का कारण बन सकती है। अपने बारे में कितनी इन्फॉर्मेशन कब, कैसे और कहाँ शेयर करना है, शेयर करना भी है या नहीं। इसके लिए सतर्कता एवं जिम्मेदारी के साथ सायबर स्पेश का उपयोग करें। इस अपराध को अंजाम देने वाला आपका परिचित, रिश्तेदार, मित्र या कोई अनजान व्यक्ति भी हो सकता है। लोगों द्वारा बिना सोचे-समझे जानकारी पोस्ट फॉरवर्ड की जाती है। किसी भी संदेश को फॉरवर्ड करने से पहले उसकी सत्यता की जाँच करने के पश्चात् शेयर या फॉरवर्ड करें।सायबर अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। इसकी मुख्य वजह हमारी लापरवाही एवं जानकारी की कमी है। डॉ. कपूर ने छात्र-छात्राओं को सायबर ग्रुमिंग की जानकारी दी गई व इंटरनेट के प्रयोग में अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया गया।छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का समाधान डॉ. कपूर द्वारा सहजता से दिया गया। कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दो छात्र-छात्राओं को क्रमशः डॉ. आदिल एवं डॉ. सृष्टि को डॉ. कपूर ने प्रमाण-पत्र व गोल्डन बैज प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यशाला में मुख्य रूपसे संस्थान के चेयरमेन श्री सुरेश सिंह भदौरिया, डायरेक्टर (प्लानिंग/एडमिनिस्ट्रिशन) श्री आर.एस. राणावत, डायरेक्टर (स्टूडेंट वेलफेयर) श्री आर.सी.यादव, वाइस चासंलर-मालवांचन युनिवर्सिटी डॉ. संजीव नांरग, प्रो. वाइस चांसलर मालवांचल युनिवर्सिटी- डॉ. रामगुलाम राजदान, रजिस्ट्रार-मालवांचन यूनिवर्सिटी- डॉ. लोकेश्वर सिंह जोधाना, डीन-इंडेक्स इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज- डॉ. सुपर्णा गांगुली साहा, प्राचार्या नर्सिंग डॉ. स्मृति जी सोलोमन और प्राचार्या रेशमा खुराना उपस्थित थी।
कार्यशाला के समापन पर संस्थान के चेयरमेन श्री सुरेश भदौरिया द्वारा डॉ. वरूण कपूर को शॉल-श्रीफल स्मृति चिन्ह तथा प्रमाण पत्र भेट किया गया। सेमिनार के सफल संचालन में सहायक सेनानी श्रीमती नीति दण्डोतिया एवं निरीक्षक श्रीमती पूनम राठौर व उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यशाला का संचालन डॉ. रवीना मक्कड द्वारा किया गया।