भारत में इस राज्य के लोग नहीं देते 1 रुपये का भी टैक्स, सरकार भी कुछ नहीं बोलती
किसी भी देश में विकास और तमाम सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था के लिए नागरिकों से सरकार टैक्स वसूलती ही है. सरकार के सभी कामकाज के लिए नागरिकों को कर भुगतान करना पड़ता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक राज्य ऐसा है जहां लोग सरकार को एक रुपया भी टैक्स नहीं देते. इस राज्य को लोगों को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है यानी उन्हें आयकर देने से छूट दी गई है.
हम बात कर रहे हैं सिक्किम की. भारत के इस पूर्वोत्तर राज्य के मूल निवासियों को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 10(26AAA) के तहत आयकर के भुगतान से छूट प्राप्त है. सिक्किम भारत में इस शर्त के तहत विलय हुआ था कि वह अपनी विशेष स्थिति बनाए रखेगा और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) में उल्लिखित अपने पुराने कानूनों के साथ हर चीजों को जारी रखेग.
सिक्किम के अपने कर नियम हैं, जो 1948 में स्थापित किए गए थे और इसने 1975 से इन कानूनों का पालन किया है. साथ ही राज्य के नागरिकों को पैन कार्ड की आवश्यकता से छूट दी गई है. भारतीय प्रतिभूति बाजार और म्युचुअल फंड में निवेश के लिए, सिक्किम के निवासियों को पहले बाजार नियामक सेबी द्वारा पैन की आवश्यकता से छूट दी गई थी.
सिक्किम के भारत के साथ विलय के समय 1975 से पहले राज्य में स्थायी रूप से बस चुके “पुराने भारतीय बसने वालों” को आई-टी छूट से बाहर करने का विरोध एसोसिएशन ऑफ ओल्ड सेटलर्स ऑफ सिक्किम (एओएसएस) द्वारा 2013 में दायर एक याचिका में किया गया था. जवाब में, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को धारा 10 (26AAA) के स्पष्टीकरण को बदलने का आदेश दिया. राज्य को 26 अप्रैल, 1975 को या उससे पहले सिक्किम में अपना प्राथमिक निवास करने वाले सभी भारतीय नागरिकों को आईटी भुगतान से छूट का विस्तार करने के लिए एक खंड शामिल करने का निर्देश दिया गया था.