राहुल गांधी ने संसद में दिखाई भगवान शंकर की फोटो, स्पीकर ने रोकते हुए सामने कर दी नियमों की किताब
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार (1 जुलाई) को सदन में जोरदार भाषण दिया. राहुल ने अपने भाषण की शुरुआत जय संविधान के नारे के साथ की. उन्होंने अपने हाथों में संविधान की कॉपी ली और कहा कि इसकी हमने रक्षा की है. देश ने मिलकर इसकी रक्षा की है. बीजेपी के लोगों को संविधान-संविधान कहते हुए देखकर अच्छा लग रहा है. राहुल ने इस दौरान भगवान शिव की तस्वीर को सदन में दिखाया, जिस स्पीकर ओम बिरला ने नियमों की किताब दिखाई.
राहुल ने कहा कि पिछले 10 सालों में संविधान, भारत के विचार और लोगों पर व्यवस्थित तरीके से हमला किया गया है. जिन लोगों ने बीजेपी के विचार का विरोध किया, उन पर कार्रवाई की गई. आइडिया ऑफ इंडिया पर हमला किया गया. आज भी हमारे नेता जेलों में हैं. संविधान पर हमला किया गया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि जिन लोगों ने दलितों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों की आवाज उठाई, उन पर भी कड़ी कार्रवाई की. लोगों को डराया और धमकाया गया.
नेता प्रतिपक्ष राहुल ने कहा कि मुझे पर भी हमला किया गया. सरकार और प्रधानमंत्री के जरिए मिले आदेशों पर मुझ पर कार्रवाई की गई. 20 से ज्यादा केस किए गए, 2 साल जेल की सजा सुनाई गई, मेरा घर ले लिया गया. मीडिया ने भी मुझ पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ईडी ने मुझसे 55 घंटों तक पूछताछ की. ऑफ कैमरा मुझसे एक अधिकारी ने पूछा कि आपसे 55 घंटे पूछताछ की गई है. आप पत्थर जैसे हो, आप हिलते क्यों नहीं. जब ऐसा होता है तो आपको किसी शरण की जरूरत होती है.
राहुल गांधी ने कहा कि जब आपके ऊपर इस तरह का हमला होता है तो आपको शरण चाहिए होती है. इसलिए आज मैं बीजेपी-आरएसएस के लोगों को बताना चाहता हूं कि किस तरह से मैंने और पूरे विपक्ष ने उस आइडिया का इस्तेमाल किया, जिसने हमें बचाया. ये आइडिया कहां से आया और कैसे इसने हमें हिम्मत दी कि हम सरकार से लड़ सकें. राहुल ने इसके बाद भगवान शिव की एक तस्वीर निकाली और कहा कि हमने यहां पर शरण लिया. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने जय भोलेनाथ के नारे लगाए.
हालांकि, राहुल के फोटो दिखाते ही सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई. इस पर राहुल ने कहा कि क्या हम शिव जी की फोटो नहीं दिखा सकते हैं? क्या इस हाउस में शिव जी की फोटो दिखाना मना है? इसके जवाब में स्पीकर ओम बिरला ने रूल बुक उठाते हुए कहा, “आपने सवाल उठाया. आपके माननीय सदस्य गण 353 का नियम बता रहे थे. आपने कहा कि नियम प्रक्रिया से सदन चलना चाहिए. नियम प्रक्रिया में कहा गया है कि सदन में कोई भी प्लाकार्ड या चिन्ह नहीं दिखाया जा सकता है.”
राहुल ने कहा कि क्या यहां पर शिव जी का चित्र दिखाना मना है? यहां पर दूसरी चीजों के चित्र दिखाए जा सकते हैं, लेकिन शिव जी का चित्र दिखाने की मनाही है. अगर मैं कह रहा हूं कि हमने इनसे सुरक्षा मिली और चित्र दिखाना चाह रहा हूं तो आप कह रहे हैं कि ऐसा नहीं कर सकते हैं. इसके बाद मेरे पास और भी चित्र हैं, जिन्हें मैं दिखाना चाहता था. ये चित्र पूरे हिंदुस्तान के दिल में है. हर कोई इसे जानता है. मैं इस तस्वीर को लेकर क्यों आया, क्योंकि इसमें कई ऐसे आइडिया हैं, जिन्हें हम बचाना चाहते हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि किस तरह से उन्होंने भगवान शिव से प्रेरणा ली. उन्होंने महात्मा गांधी के जरिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई का जिक्र करते हुए पीएम मोदी को निशाने पर लिया. राहुल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भगवान के साथ सीधा कनेक्शन है. परमात्मा मोदी जी आत्मा से सीधे बात करते हैं. हम लोग इंसानों की तरह बायोलॉजिकल हैं, हम पैदा होते हैं और मरते हैं, लेकिन पीएम नॉन बायोलॉजिकल हैं.”
राहुल ने कहा, “पीएम मोदी कहते हैं कि महात्मा गांधी मर चुके हैं और गांधी एक फिल्म के जरिए पुनर्जीवित हुए हैं. क्या आप अज्ञानता को समझ सकते हैं? गांधी मरे नहीं हैं, बल्कि वह जिंदा हैं.” इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से भगवान शिव की तस्वीर को दिखाया, जिस पर स्पीकर और सत्ता पक्ष के सांसदों ने आपत्ति जताई. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहीं मौजूद थे.