विदेश

रूस से सस्ता तेल खरीदने के बाद पाकिस्तान ने उसी की पीठ में घोंपा छुरा

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले लगभग 15 महीनों से जंग जारी है. दोनों देशों के बीच खूनी जंग इस हद तक पहुंच गई है कि रूस ने यूक्रेन पर राष्ट्रपति पुतिन की हत्या की कोशिश का आरोप लगाया है. जिसके जवाब में रूस ने यूक्रेन के खारसेन में जमकर बमबारी की है. इसी बीच खबर है कि रूस पर यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई में मदद के लिए पाकिस्तान 155 मिमी आर्टिलरी गोला बारूद की तीन खेप निर्यात करेगा.

दिलचस्प बात ये है कि गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद के लिए पिछले महीने ही रूस ने मदद का हाथ बढ़ाया है. लंबी बातचीत के बाद रूस भारत की तरह ही पाकिस्तान को भी सस्ता तेल निर्यात कर कर रहा है. रियायती कीमतों पर तेल खरीद से भुगतान संकट और गंभीर रूप से विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. लेकिन पाकिस्तान इस मदद को भूल अगले तीन महीनों में पोलैंड के रास्ते यूक्रेन को 155 मिमी आर्टिलरी गोला बारूद की तीन खेप निर्यात करेगा. यूक्रेन इन हथियारों का इस्तेमाल रूस के खिलाफ जवाबी हमले करने में करेगा.

रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन और पाकिस्तान ने अपनी डिफेंस पार्टनरशिप को और मजबूत करते हुए एक डील साइन की है. इस डील के तहत पाकिस्तान यूरोपीय देशों के रास्ते यूक्रेन को रक्षा उपकरणों और टैकों की नियमित आपूर्ति करेगा. इसके बदले में यूक्रेन पाकिस्तान को Mi-17 हेलीकॉप्टर इंजन और इसके स्पेयर पार्टस की आपूर्ति करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने Mi-17 हेलीकॉप्टर इंजन और इसके कल-पुर्जे की सप्लाई के लिए 15 लाख डॉलर की डील साइन की है.

डील के तहत पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से बनी रक्षा उपकरणों को कराची पोर्ट से पोलैंड के ग्दान्सक पोर्ट तक भेजी जाएगी. बाद में इसे यूक्रेन ले जाया जाएगा. शिपमेंट को एमवी मेजर रिचर्ड विंटर्स, MV SLNC और एमवी ओशन फ्रीडम के माध्यम से निर्यात किया जाएगा. वहीं, यूक्रेनी रक्षा कंपनी मोटर सिच जेएससी पाकिस्तानी सेना को Mi-17 हेलीकॉप्टर इंजन और इसके कल-पुर्जे की आपूर्ति करेगी.

पाकिस्तान और यूक्रेन के बीच गहरे रक्षा और औद्योगिक संबंध हैं. दोनों देश दशकों से हथियारों का लेन-देन करते आ रहे हैं. पाकिस्तान ने एक डील के तहत यूक्रेन से 320 से ज्यादा यूक्रेनी T-80UD टैंक खरीदे थे. ये टैंक पूरी तरह से इकोसिस्टम, गोला-बारूद और स्पेयर पार्टस से लैस थे. इस डील के कारण यूक्रेन और भारत के बीच रिश्ते भी खराब हो गए थे.

हाल ही में भारत दौरे पर आईं यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा ने भी इस बात की पुष्टि की थी. उन्होंने कहा था कि यह बात सही है कि पाकिस्तान और यूक्रेन के रिश्तों का अपना इतिहास रहा है. हमने 90 के दशक से ही पाकिस्तान के साथ सैन्य कारोबार किया. लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों पर असर नहीं पड़ना चाहिए.

रिपोर्ट के मुताबिक, 1991 से 2020 के बीच यूक्रेन ने पाकिस्तान के साथ 1.6 अरब डॉलर के हथियार अनुबंध किए. इसके अलावा कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने यूक्रेन के साथ T-80UD बेड़े की मरम्मत के लिए कीव के साथ लगभग 85.6 मिलियन डॉलर का एक सौदा किया है. 2021 में भी यूक्रेन और पाकिस्तान के बीच डिफेंस प्रोडक्शन, ट्रेनिंग, काउंटर टेरिरिज्म और इंटेलीजेंस क्षेत्र में एक समझौता हुआ है.

रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि अतीत में यूक्रेन, पाकिस्तान और चीन ने मिलकर एक मिसाइल तकनीक साझा की थी. इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि भारतीय एजेंसियां यह वेरिफाई करने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यूक्रेन अभी भी पाकिस्तान को कोई मिसाइल तकनीक साझा करने में शामिल है. 2021 में पाकिस्तान, यूक्रेन से एक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल खरीदने के लिए आतुर था.

यूक्रेन-पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंधों की मजबूती का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान शायद एकमात्र विकासशील देश है, जो पश्चिमी देशों की मदद के बदले रक्षा उपकरणों की मुहैया करता है. रूस से युद्ध में यूक्रेन हथियारों और गोला-बारूद की कमी का सामना कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान अगस्त 2022 से ही यूक्रेन को रक्षा उपकरणों की आपूर्ति कर रहा है.

यूक्रेनी सशस्त्र बलों को दो लाख रॉकेटों की आपूर्ति के लिए पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री के साथ ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने दिसंबर 2022 में लभगग 300 मिलियन डॉलर का एक समझौता किया था. यूरोपीय संघ के कई देशों के लिए पाकिस्तान एक प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है.

इसी समझौते के तहत मई 2023 में पाकिस्तान ने यूक्रेन को मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चरों के लिए 122 मिमी वाले उच्च विस्फोट से लैस यरमुक रॉकेट भेजे हैं. इस रॉकेट को भी यूक्रेन तक पहुंचाने के लिए पौलेंड के ग्दान्सक बंदरगाह का उपयोग किया गया था. पाकिस्तान से यूक्रेन भेजे जा रहे टैंक और रॉकेट सहित हथियारों को स्थानांतरित करने के लिए मुख्यतः पोलैंड और जर्मनी के बंदरगाह का इस्तेमाल किया जा रहा है.

रूस के साथ लंबी बातचीत के बाद रूस पाकिस्तान को रियायती कीमतों पर तेल आपूर्ति रहा है. इससे पहले रूस ने पाकिस्तान को रियायत कीमतों पर तेल निर्यात करने से इनकार कर दिया था. पाकिस्तान को रियायती कीमतों पर रूसी कच्चे तेल मिलने से महंगाई और गंभीर आर्थिक संकट से राहत मिलने की उम्मीद है. पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक के अनुसार, रूसी कच्चे तेल की शिपमेंट इसी महीने कराची बंदरगाह पर डॉक होगी.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इसकी पुष्टि करते हुए संसद में कहा है कि पाकिस्तान रूस से आने वाली तेल की पहली खेप को रिसीव करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

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