रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में “अनुसंधान को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम अभ्यास: कानून में प्रकाशन और सहयोग “पर वेबिनार का आयोजन
बरेली , 25 सितम्बर । एमजेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय के विधि विभाग मे कल एक वेबिनार का आयोजन किया। अनुसंधान के पहलुओं से संबंधित क्षेत्र को “अनुसंधान को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम अभ्यास: कानून में प्रकाशन और सहयोग” शीर्षक के तहत कवर किया गया था।
विभाग ने प्रोफेसर के. पी. सिंह, कुलपति,एमजेपीआरयू के संरक्षण में वेबिनार का आयोजन और संचालन किया। डॉo अमित सिंह, हेड एवं डीन, विधि विभाग, (वेबिनार के संयोजक) ने वेबिनार में सम्मानित वक्ताओं और अतिथियों का स्वागत किया और वेबिनार के लिए चुने गए विषय के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
वेबिनार को दो प्रतिष्ठित वक्ताओं, की उपस्थिति से चिह्नित किया गया। डॉo अनुराग सिंह, प्रोफेसर, विधि विभाग, मेरठ कॉलेज, मेरठ सीसीएस विश्वविद्यालय, मेरठ से संबद्ध और डॉ. मंजुला सिंह, संकाय सदस्य, विभाग बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, एमजेपीआरयू ,बरेली।
.
प्रोफेसर डॉ अनुराग सिंह ने विभिन्न नए उपकरणों और तकनीकों के बारे में सिखाया जो प्रौद्योगिकी की प्रगति के कारण समय के साथ सामने आए हैं। उन्होंने शोध में एच-इंडेक्स और आई-इंडेक्स के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने विभिन्न वेबसाइटें और अन्य स्रोत साझा किए जो नए युग के शोध में सहायक हैं।
डॉ मंजुला सिंह ने साहित्यिक चोरी और विभिन्न साहित्यिक चोरी जाँच उपकरणों और सॉफ्टवेयर के बारे में चर्चा की उन्होंने उन तकनीकों के बारे में भी बात की जो शोध कार्य के दौरान शोधकर्ता के लेखन कौशल में सुधार कर सकती हैं जिससे शोध की गुणवत्ता में सुधार होगा और शोध में मूल सामग्री तैयार करने में मदद मिलेगी।
वेबिनार में 100 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। कुछ प्रमुख व्यक्ति भी थे जो वेबिनार का हिस्सा थे, उनमें से कुछ के नाम हैं, डॉ. राज देव सिंह के जी के कॉलेज, प्रोफेसर सी.पी. सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय, अधिवक्ता आयुष प्रताप सिंह, यूनाइटेड किंगडम, लंदन आदि से, डॉ परवेज अहमद, प्राचार्य कृष्णा कॉलेज बिजनौर, डॉ लक्ष्यलता प्रजापति, डॉ लक्ष्मी देवी, डॉ प्रदीप कुमार आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की मेजबानी सुश्री निधि शंकर ,सदस्य, आयोजन समिति, कानून विभाग, एमजेपीआरयू ने प्रमुख और डीन, डॉ. अमित सिंह के मार्गदर्शन में की।वेबिनार अंततः श्री अमित कुमार , सदस्य, आयोजन समिति, विधि विभाग, एमजेपीआरयू द्वारा दिए गए ‘धन्यवाद प्रस्ताव’ के साथ सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट