रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में हुआ महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम का भव्य आयोजन
बरेली,13 मार्च। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में महिला सशक्तिकरण पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ | यह आयोजन महिला अध्ययन उत्कृष्टता केंद्र व दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया| कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके हुआ | महिला उत्कृष्टता अध्ययन केंद्र की समन्वयक प्रोफेसर संतोष अरोड़ा ने अतिथियों का स्वागत किया व् डॉ इंदरप्रीत कौर ने अतिथियों का परिचय कराया व उनकी उपलब्धियों की जानकारी सभा को दी |
कार्यक्रम में तीन सत्रों का आयोजन हुआ जिसमें प्रथम सत्र महिला सशक्तिकरण व महिलाओं से जुड़े मुद्दों की पर चर्चा का था इस परिचर्चा में बरेली कॉलेज बरेली के शिक्षा विभाग की प्रोफेसर दीप्ति जौहरी शामिल रही जिन्होंने महिला सशक्तिकरण के इतिहास को बताया और कहा की महिला और पुरुष के संतुलन से ही महिला विकास संभव है| दूसरी वक्ता श्री वेदांत हॉस्पिटल की डॉक्टर हेमा पंत जिन्होंने महिलाओं के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर अपने विचार प्रस्तुत किये| इस पैनल डिस्कशन में दिल्ली से आयी दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की साध्वी रुचिका भारती ने विभिन्न प्रयोगों के द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के उपाय बताएं उन्होंने कहा की महिलाएं अगर स्वयं चाहे तो वह आसमान छू सकती हैं| पैनल डिस्कशन में महिला कल्याण विभाग की उपनिदेशक श्रीमती नीता अहिरवार ने महिलाओं से संबंधित विभिन्न प्रकार के कानून एवं महिला कल्याण योजनाओं की जानकारी दी| उन्होंने दिशा एप के बारे में बताया कि इसके प्रयोग से महिलाएं अपना विकास कर सकती हैं व दूसरों की मदद भी कर सकती हैं
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह रहे | उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की प्रभु ने भी विद्या, अर्थ और शक्ति की जिम्मेदारी मां सरस्वती ,लक्ष्मी व् मां दुर्गा के रूप में महिलाओं को सौपी है |यदि महिलाएं सशक्त हो तो वह हर क्षेत्र में नेतृत्व कर सकती हैं| जरूरत है उन्हें निर्णय करने की आजादी प्राप्त हो | इस बात की भी आज जरूरत बताई कि हमें अपनी बहनों और बेटियों को आगे बढने के लिए प्रेरित करना चाहिए |
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के अनुयायियों द्वारा एक संगीतमय नाटिका प्रस्तुत की गयी | इस नाटिका में माँ मदालसा, मीराबाई ,गार्गी एवं रानी पद्मावत के जीवन परिचय को दर्शाया गया | इस नाटिका का संदेश था कि भारतीय ज्ञान परंपरा की विदुषी व् शौर्यशाली महिलाएं उस युग में भी समाज का नेतृत्व करती थी | वह समाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए संघर्ष कर रही थी | यदि 21वीं सदी की महिलायें उन्हें अपना आदर्श माने तो वह हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती है व समाज में बढ़ रहे अत्याचारों व भेदभाव से संघर्ष कर सकती है|
तीसरे सत्र में विश्वविद्यालय द्वारा बरेली जनपद की 100 आंगनवाड़ी कत्रियों को आंगनबाड़ी किट प्रदान किया गया | जिससे वह आंगनवाड़ी में आ रहे बालको को रोचक ढंग से शिक्षित कर सकें | आंगनबाड़ी किट में बच्चों के खेलने के लिए घोड़ा ,कुर्सियां, किडनी के आकार की मेज, चित्र, किताबें, खिलौने,साइकिल व् बर्तन आदि वितरित किये| इस कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया| प्रथम स्थान पर खंडेलवाल कॉलेज की कुमारी अंजली रही |द्वितीय स्थान ऋषिकांत आर्य, मुस्कान यादव, गंगाशील महाविद्यालय के पीयूष अग्रवाल व रूहेलखंड यूनिवर्सिटी की निशा गौतम ने प्राप्त किया | तृतीय स्थान खंडेलवाल कॉलेज की पूजा यादव,एम. जे. पी. आर. यू. की आराध्या वर्मा, महाराजा अग्रसेन की राहिला आजमी, स्प्रिंगडेल कॉलेज की कोमल खरे ने प्राप्त किया| कुलपति जी ने पैनल डिस्कशन में शामिल प्रोफेसर दीप्ति जौहरी, साध्वी रुचिका भारती, डॉक्टर हेम पंत व श्रीमती नीता अहिरवार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया| कार्यक्रम का संचालन डॉ0 प्रिया सक्सेना ने किया व धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रतिभा सागर द्वारा किया गया| कार्यक्रम में डा0 तृप्ति खरे प्रो0 पीवी सिंह, प्रो0 रश्मि अग्रवाल, प्रो0 नलिनी श्रीवास्तव, प्रो0 सुधीर कुमार वर्मा, प्रो0 ए.के सिंह, प्रो0 संजय गर्ग, प्रो0 आलोक श्रीवास्तव, प्रो0 जे0 एन0 मौर्य, डॉ प्रेमपाल, डॉ सुरेश कुमार डॉ कामिनी विश्वकर्मा. डॉ आभा त्रिवेदी डॉ कीर्ति प्रजापति, डॉ रामबाबू सिंह, तपन वर्मा एवं अन्य उपस्थित रहे कार्यक्रम में शबिया, शिवी अग्रवाल, राजेश, , रुपेश, दीक्षा, जूही, आकाश, सत्य प्रकाश, सना अबरार शालिनी का विशेष सहयोग रहा |
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट