देशराज्य

वनवेब के36सैटेलाइट्स का इसरो/एनएसआईएल द्वारा श्रीहरिकोटा से हुआ सफल लॉन्च

श्रीहरिकोटा: वनवेब ने आज भारत के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी-एसएचएआर) से न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) द्वारा लॉन्च किए गए 36 उपग्रहों की अंतरिक्ष सफलतापूर्वक स्थापित होने की पुष्टि की। इसरो और एनएसआईएल द्वारा यह प्रक्षेपण भारत के द्वारा एलवीएम3 रॉकेट का उपयोग करने वाला पहला व सबसे बड़े वाणिज्यिक लॉन्च में से एक है।

लिफ्ट-ऑफ रविवार, 23 अक्टूबर 2022 की मध्य-रात्रि 00.07 बजे हुआ। वनवेब के उपग्रह सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गए और 1 घंटे 15 मिनट की अवधि में 9 चरणों में अंतरिक्ष के विभिन्न स्थानों पर वितरित किए गए । सभी 36 उपग्रहों पर सिग्नल होने की पुष्टि भी की गई है । यह वनवेब का 14वां और इस साल का दूसरा लॉन्च है। इस प्रक्षेपण के साथ ही वनवेब के समूह में उपग्रहों की कुल संख्या 462 हो गई है, जो कि 648 लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) उपग्रह बेड़े के लक्ष्य का 70% से अधिक है। यह दुनिया भर में उच्च गति, लो-लेटेंसी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इस लॉन्च के पश्चात केवल चार और लॉन्च बचे हैं, वनवेब 2023 तक वैश्विक कवरेज देने का लक्ष्य निर्धारित कर चुका है। वर्तमान में इसके कनेक्टिविटी सॉल्यूशन्स 50 डिग्री अक्षांश के उत्तर के स्थानों पर काम कर रहे हैं।

एनएसआईएल और इसरो के साथ यह साझेदारी 2023 तक पूरे भारत में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए वनवेब की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। देश भर दुर्गम स्थानों सहित लद्दाख से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक, वनवेब न केवल उद्यमों के लिए बल्कि कस्बों, गांवों, नगर पालिकाओं और स्कूलों को भी सुरक्षित कनेक्टिविटी सॉल्यूशन मुहैया कराएगा। भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए वनवेब की प्रतिबद्धता को भारती ग्लोबल द्वारा वनवेब के सबसे बड़े निवेशक के रूप में समर्थन मिल रहा है।

एलवीएम3 लॉन्च व्हीकल जिसने महत्वपूर्ण चंद्रयान -2 मिशन सहित लगातार चार सफल मिशन पूरे किए हैं, पूरी तरह से भारत में निर्मित है। गगनयान कार्यक्रम के लिए मानव रेटिंग के हिस्से के रूप में, वाहन ने कई महत्वपूर्ण परीक्षण पूरे किए हैं। क्रायो चरण को विशेष रूप से एक ऑर्थोगोनल तरीके से उपग्रहों का अनुस्थापन और और पुन: अनुस्थापन करने के लिए बनाया गया था ताकि उपग्रहों को उपयुक्त ढंग से और टकराव से बचाने के लिए अंतराल के साथ प्रक्षेपित कर कस्टमर्स की मांग के हिसाब से कार्य को पूरा किया जा सके।

श्री सोमनाथ एस, अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष ने कहा, “आज का प्रक्षेपण देश और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए ऐतिहासिक है। लो अर्थ ऑर्बिट के लिए सबसे भारी पेलोड के साथ एलवीएम3 का यह पहला व्यावसायिक लॉन्च है। एलवीएम3 की कल्पना मुख्य रूप से 4टी के पेलोड क्षमता वाले भू-स्थिर उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए की गई थी, जिसका उपयोग लो अर्थ ऑर्बिट के लिए 6टी पेलोड लॉन्च करने के लिए किया जा सकता है। 9 चरणों में 36 उपग्रहों को सटीकता के साथ लॉन्च करने के लिए ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए मिशन बहुत महत्वपूर्ण है। मिशन को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि सी25 चरण इन-हाउस निर्मित इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम का उपयोग करके इस ऑपरेशन को पूरा करना था। उपग्रहों का इंजेक्शन ग्राहक की अपेक्षा के अनुरूप एकदम सटीक थे। इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनएसआईएल ने इस अनुबंध में प्रवेश किया और इसे रिकॉर्ड समय में निष्पादित किया। यह भविष्य में इस तरह के और अधिक लॉन्च के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। उपग्रहों की प्राप्ति से लेकर उन्हें अंतरिक्ष मे स्थापित करने तक वनवेब के साथ बातचीत बेहद सहज थी। इसरो और वनवेब की टीमों ने एक परिवार की तरह काम किया। मैं इस सराहनीय कार्य के लिए सभी इसरो केंद्रों और भारतीय उद्योगों को बधाई देता हूं और एलवीएम3 एम2/वनवेब इंडिया-1 मिशन के सफल प्रक्षेपण के लिए एनएसआईएल और वनवेब को बधाई देता हूं।”

वनवेब के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा, “आज का लॉन्च वनवेब के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत से हमारे लॉन्च कार्यक्रम का यह नया चरण हमें न केवल हमारे वैश्विक कवरेज को बढ़ाने के लिए बल्कि भारत और दक्षिण एशिया में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एक कदम और करीब लाता है, खासकर उन समुदायों के लिए जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। मुझे अपने सहयोगियों, इसरो और एनएसआईएल के साथ श्रीहरिकोटा में यहां आकर गर्व हो रहा है। आज वनवेब की इस मुहीम में भारतीय योगदान का मेरा सपना साकार हो गया है। इसरो और एनएसआईएल के साथ इस प्रक्षेपण ने भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र को देश में अरबों डॉलर के प्रवाह की संभावना के साथ खोल दिया।

“अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देने के लिए में हमारे माननीय प्रधान मंत्री की सराहना करना चाहता हूं। मैं इसरो, एनएसआईएल और भारतीय अधिकारियों को इस प्रक्षेपण के लिए सटीक समय-सारणी का मिलान करने के लिए भी धन्यवाद देता हूं जो रिकॉर्ड समय में किया गया है। राधाकृष्णन डी, चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड ने कहा: “सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-एमकेIII के माध्यम से 36 वनवेब उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण एनएसआईएल और इसरो के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। हमने इस मील के पत्थर को हासिल करने के लिए वनवेब टीम के साथ मिलकर काम किया और इसे कुछ महीनों के रिकॉर्ड समय में पूरा किया है। साथ ही हमने इस लॉन्च से भारत में उपग्रह कनेक्टिविटी के अवसरों को भी दर्शाया है। हम वनवेब के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने और एलईओ कनेक्टिविटी की क्षमता का उपयोग करके पूरे भारत में ब्रॉडबैंड सेवाएं देने के लिए तत्पर हैं।”

“आने वाले महीनों में, वनवेब लॉन्च कार्यक्रम पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा और प्रमुख वितरण भागीदारों और जहां इसकी सेवाएं लाइव हैं, ग्राहकों के साथ कनेक्टिविटी समाधान शुरू करने के लिए भी काम करेगा। वनवेब संचार क्षेत्र में अग्रणी कंपनियों के साथ अभिनव रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाएगा और आने वाले महीनों में अपने कवरेज सॉल्यूशन्स के रोलआउट को बढ़ावा देने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर करेगा।”

वनवेब के चीफ एग्जीक्यूटिव नील मास्टर्सन ने इस अवसर पर टिप्पणी करते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि हम वनवेब के लॉन्च कार्यक्रम को फिर से शुरू करने में सक्षम हैं। यह प्रक्षेपण हमारी टीम और इसरो और एनएसआईएल में हमारे भागीदारों के साथ-साथ शेयरधारक भारती ग्लोबल की कड़ी मेहनत के कारण संभव हो सका। इस अंतरराष्ट्रीय प्रयास में हमारे वैश्विक कवरेज नेटवर्क को बढ़ाने की हमारी रणनीति के मूल में सहयोग की भावना है। वनवेब में, हम कनेक्टिविटी की बाधाओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, यह सुनिश्चित करते हैं कि हम विश्व स्तर पर समुदायों और ग्राहकों के लिए उनकी जरूरतों को पूरा करें।”

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------