शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से न घबराएं! आजमाएं ये 5 उपाए मिलेगी राहत
अयोध्या : वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है. कर्म फलदाता शनि देव जीवन में तरक्की और बर्बादी दोनों लाते हैं. ये व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है कि उसे कैसा फल मिलेगा. शनि देव की पूजा आराधना न्याय के देवता के रूप में की जाती है. कहा जाता है शनि देव जब प्रसन्न होते हैं. तो राजा पहले बना देते हैं और तिलक बाद में करते हैं. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है. जब व्यक्ति को शनिदेव के प्रकोप का भी सामना करना पड़ता है.
हालांकि शनिदेव बहुत धीमी गति से राशि परिवर्तन करते हैं. उन्हें 12 राशियों में घूमने के लिए लगभग 30 वर्ष का वक्त लगता है. इतना ही नहीं शनिदेव लगभग ढाई वर्ष तक एक ही राशि में विराजमान होते हैं. जिसके कारण कुंडली में लोगों की शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव पड़ता है.
ज्योतिष के जानकारों के द्वारा की साढ़ेसाती के कारण कई बार व्यक्ति को शारीरिक मानसिक अथवा आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र में कुछ गलतियों के विषय में भी बताया गया है. जिन्हें अगर आप दोहराते हैं तो आपके ऊपर शनि का अशुभ प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में जिन लोगों के जीवन में शनि की साढ़ेसाती चल रही हो उन्हें ज्योतिष शास्त्र द्वारा बताए गए कुछ उपाय करने से शनि की ढैया और शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल सकती है. तो चलिए जानते हैं शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ आसान से उपाय.
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई तरीके के उपाय भी बताए गए हैं. अगर आप शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति पाना चाहते हैं तो फिर आपको ज्योतिष शास्त्र में वर्णित ये 5 उपाय जरूर करना चाहिए.
शनि की साढ़ेसाती से अगर आप भी मुक्ति पाना चाहते हैं. तो आपको प्रत्येक शनिवार के दिन लोहा काला तिल काला उड़द काला वस्त्र का दान करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति को काफी लाभ मिलता है.
इसके अलावा आप प्रत्येक शनिवार के दिन संध्याकाल में पीपल के वृक्ष के नीचे एक दीपक जलाना चाहिए और शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव जल्द ही प्रसन्न होते हैं.
शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिए प्रत्येक शनिवार को शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल में काला तिल डालकर एक लोहा लेकर शनिदेव के चरणों में अर्पित करना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो शनि की ढैया और साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी.
इसके अलावा अगर आप हनुमान जी की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं. तो इससे शनि देव का प्रकोप शांत होता है. इसलिए प्रतिदिन शनि देव को शांत करने के लिए हनुमान चालीसा पाठ करना चाहिए.
इसके अलावा शनिवार के दिन किसी जरूरतमंद लाचार व्यक्ति को अपने समर्थ के अनुसार मदद करनी चाहिए. इससे भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जातक की सभी मनोकामना पूरी करते हैं.