संकट के साल में भी चमका अदाणी ग्रुप
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार गौतम अदाणी पर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उनके बिजनेस समूह पर स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी का आरोप लगाने के बाद कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। अदाणी ने आरोपों से इनकार करते हुए इसे भारत पर “सोचा-समझा हमला” बताया। लेकिन अब इंफ्रास्ट्रक्चर किंग को बर्बाद करने की इस शॉर्ट-सेलर की नाकाम कोशिश, अदाणी ग्रुप के लिए वरदान साबित हो सकती है। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आने के बाद बाजार लगभग धराशायी हो चुका था। इस हमले ने समूह की 9 सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार मूल्य में $150 बिलियन से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया था।
लेकिन, अब ना सिर्फ बाजार की रौनक लौट चुकी है बल्कि अदाणी ग्रुप का घाटा भी काफी हद तक कम होकर $64 बिलियन पर आ गया। अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर अभी भी 18% कम है साथ ही $27 बिलियन अदाणी पोर्ट्स और $24 बिलियन अदाणी पावर जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से 36% और 89% ऊपर हैं।
अदाणी ने संकट का भरपूर फायदा उठाया। निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए उन्होंने अपनी कुछ कंपनियों में जीक्यूजी और अबू धाबी समूह इंटरनेशनल होल्डिंग जैसे निवेशकों का स्वागत किया, जिससे समूह को काफी मदद मिली। अदाणी ने स्टॉक द्वारा समर्थित कर्ज का भी भुगतान किया, उदाहरण के तौर पर अदाणी पोर्ट्स में सिर्फ 2.4% शेयर, सितंबर तिमाही तक गिरवी रहे और दिसंबर 2022 के आखिर में 17.3% से कम है।
कैलकुलेट रिस्क ने समूह की तेजी से वृद्धि, लेवरेज और वैल्यूएशन का टेस्ट भी लिया। जबकि शुद्ध कर्ज करीब 22 बिलियन डॉलर पर काफी हद तक अपरिवर्तित है। एबिटडा में कैश फ्लो की प्रॉक्सी बढ़ गयी है जिससे कंसोलिडेटेड अनुपात 3.3 गुना से घटकर 2.5 गुना हो गया है। एलएसईजी डेटा के मुताबिक मार्किट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से चार सबसे बड़े बिजनेस की कमाई 89 और 202 गुना के बीच हैं।
इस बीच, अदाणी की ब्लू-चिप सपोर्ट जिनमें टोटल एनर्जीज़, विल्मर इंटरनेशनल, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और सिंगापुर के डीबीएस समेत वैश्विक बैंकों का समूह शामिल है। फ्लोरिडा स्थित जीक्यूजी पार्टनर्स जिसने इस साल समूह पर बड़ा दांव लगाया था उसका परिणाम ये हुआ कि समूह की पांच कंपनियों में उसने अपने इंनवेस्टमेंट वैल्यू में बढ़ोतरी देखी।
समूह की न्यूनतम पब्लिक शेयर होल्डिंग के बारे में कुछ सवालों का जवाब अभी नहीं तक मिला है। लेकिन अगर जवाबों में कहीं उल्लंघन पाया गया तो उन पर सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से जुर्माना से थोड़ा अधिक लग सकता है। ऑल टाइम हाई पर कारोबार कर रहे भारतीय शेयरों को लेकर व्यापक उत्साह से रेगुलेटर की कमियां भी फिलहाल दूर हो गई हैं। अदाणी की कोलंबो बंदरगाह परियोजना में अमेरिकी सरकार का निवेश भी इस पर मुहर लगाता है।
अदाणी बंदरगाहों और हवाई अड्डों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में भारत का सबसे बड़ा निजी ऑपरेटर है। रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन में उनका निवेश पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को तेल आयात पर निर्भरता कम करने में मदद कर सकता है। हिंडनबर्ग की झूठी रिपोर्ट ने कम से कम समूह के बारे में मुंबई के वित्तीय हलकों में बेचैनी को काफ़ी कम कर दिया है और इससे भारत की तरक्की की तस्वीर भी दिखने लगी।
जब अदाणी समूह को साल की शुरुआत में एक अमेरिकी शॉर्ट-सेलर ने टारगेट किया था उससे पहले यानी 14 दिसंबर तक समूह की कंपनियों का संयुक्त $172 बिलियन मार्किट कैपिटलाइजेशन जो उस समय की तुलना में 27% कम था।
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह पर दशकों से “कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़े घोटाले को अंजाम देने” का आरोप लगाया, जिसमें “स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी” भी शामिल थी।
अदाणी ने रिपोर्ट को “चयनात्मक गलत सूचना, आधारहीन और बदनाम करने के आरोपों का पुलिंदा बताया, जिनका पहले भी परीक्षण किया गया है और भारत की सर्वोच्च अदालतों द्वारा खारिज कर दिया गया है”। इसमें कहा गया है कि शॉर्ट-सेलर का उद्देश्य भारत और उसकी विकास महत्वाकांक्षा पर एक सोचा-समझा हमला था।