समंदर में सिर्फ 2 खंबों पर बसा है दुनिया का सबसे छोटा देश, रहते हैं 50 से भी कम लोग, बड़ी ही दिलचस्प है वजह

नई दिल्ली। दुनिया का सबसे छोटा देश अगर आप वेटिकन सिटी को समझते हैं, तो शायद आप यहां गलत हैं। विश्व का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी नहीं बल्कि उत्तरी सागर में स्थित ये छोटा देश है। जिसे सीलैंड के नाम से जाना जाता है। जैसा कि आप नाम से ही जान गए होंगे ये चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है, हालांकि वेटिकन सिटी सबसे छोटा देश है, जिसे इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता मिली हुई है, लेकिन सीलैंड एक माइक्रो नेशन है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली है।

शायद आपको जानकर हैरानी हो लेकिन ये वही देश है, जहां कोविड-19 का एक भी मामला नहीं देखा गया था। बता दें, इग्लैंड के सफोल्क समुद्री तट से करीबन 10 किमी की दूरी पर मौजूद है ये देश। सीलैंड खंडहर हो चुके एक समुद्री किले पर मौजूद है, जिसका निर्माण ब्रिटेन ने दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान किया था और फिर बाद में खाली कर दिया।
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सीलैंड में रहने लायक कोई अच्छा साधन नहीं है। 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां जनसंख्या केवल 27 ही है। इस बेहद छोटे से देश में रहने का कोई साधन भी नहीं है। पहली बार लोगों को जब इसके बारे में मालूम हुआ तो, लोगों ने खूब डोनेशन दिया और यहां लोगों को मदद भी मिली। बाद में यहां कई देशों टूरिस्ट पहुंचने लगे।

इस छोटे से देश को लेकर एक वेबसाइट भी बनाई गई है, आप https://sealandgov.org/ पर जाकर इस देश के बारे में जान सकते हैं। वहीं फेसबुक पर प्रिंसिपैलिटी ऑफ सीलैंड के नाम से पेज बना रखा है। वेबसाइट की जानकारी के अनुसार, इस देश का अपना राष्ट्रीय झंडे, राष्ट्रगान और अपनी करेंसी भी है।

ये देश इतना छोटा है कि इसे आप गूगल मैप पर भी सर्च नहीं कर पाएंगे। इंटरनेशनल लेवल पर सीलैंड को अभी मान्यता नहीं मिली है। इस कारण से एक देश के रूप में यहां कई सारी चीजें लागू भी नहीं है। अगर आप इंटरनेट पर सबसे छोटे देश के बारे में सर्च करेंगे, तो सीलैंड की जगह वैटिकन सिटी नाम आएगा।

वैटिकन सिटी पर मौजूद देश वैटिकन सिटी को इंटरनेशनल मान्यता मिली हुई है और इस वजह से इसे दुनिया का सबसे छोटा देश कहते हैं। पहले ये इटली के अंडर था, लेकिन 1929 में ये आजाद हो गया। 0.44 वर्ग किलोमीटर वाले इस देश की आबादी 800 है। यहां इटैलियन भाषा बोली जाती है, वहीं करेंसी के रूप में यहां यूरो चलता है।

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