सरकार ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को पद पर बने रहने का किया अनुरोध, 30 जून को खत्म हो रहा है सेवाकाल
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश के महान्यायवादी यानी अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। उनका मौजूदा कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है।
आमतौर पर महान्यायवादी का कार्यकाल तीन साल का होता है। उनके पहले कार्यकाल का समय 2020 में खत्म हो गया था। इसके बाद उन्होंने सरकार से आग्रह किया था कि उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए उनका कार्यकाल एक साल के लिए ही बढ़ाया जाए। इसके बाद पिछले साल भी एक साल का कार्यकाल बढ़ाया गया था। वेणुगोपाल अभी 91 वर्ष के हैं।
वे कई हाई-प्रोफाइल मामलों को देख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट और वकील के रूप में उनके अनुभव को देखते हुए सरकार ने उन्हें पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। उन्होंने पहली बार 1 जुलाई, 2017 को मुकुल रोहतगी के स्थान पर केंद्र सरकार के शीर्ष कानून अधिकारी यानी अटॉर्नी जनरल के रूप में पदभार संभाला था।
वेणुगोपाल को उनके योगदान के लिए वर्ष 2002 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं। उन्हें देश के न्यायिक सुधारों के मुख्य अधिवक्ताओं में से एक माना जाता है। वे सुप्रीम कोर्ट की रीजनल बैंचो के गठन के सख्त खिलाफ हैं। इसके बजाए वे देश के चार क्षेत्रों में अपील के लिए अदालतें गठन करने की वकालत करते रहे हैं।