संसद का मानसून सत्र: 32 विधेयक पेश होने के संकेत, इनमें से 14 तैयार

नई दिल्ली: संसद का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। 18 जुलाई से लेकर 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में 32 विधेयक पेश होने के संकेत हैं। सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को सरकार की तरफ से विभिन्न विभागों ने इस सत्र के दौरान 32 विधेयकों को दोनों सदनों में पेश करने के संकेत दिए गए, जिनमें से 14 विधेयक तैयार हैं। सरकार ने यह भी कहा कि वह इन सभी विधेयकों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा चाहती है।

दरअसल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि इन विधेयकों में से कुछ पर संसद की स्थायी समितियों द्वारा पहले ही चर्चा की जा चुकी है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा 32 विधेयकों को संसद के इस सत्र में पेश करने के संकेत दिए गए हैं, जिनमें से 14 विधेयक तैयार हैं, लेकिन हम बिना चर्चा के विधेयकों को पारित नहीं करेंगे।

सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, राजनाथ सिंह ने की अध्यक्षता
जोशी ने कहा कि सरकार ने सर्वदलीय बैठक में लगभग 45 दलों को आमंत्रित किया था, जिनमें से 36 ने इसमें भाग लिया। उन्होंने कहा कि बैठक में भाग लेने के लिए मैं उनका आभारी हूं। वरिष्ठ मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान उन्होंने कुछ मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों को उठाया गया, उनमें उन शब्दों का भी उल्लेख किया गया है जिन्हें ‘असंसदीय’ घोषित किया गया है और यह स्पष्ट किया गया है कि असंसदीय वाक्यांशों का संकलन हर साल लंबे समय से किया जा रहा है।

जोशी ने 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र के लिए सूचीबद्ध विधायी कार्यों के बारे में कहा कि हमने 32 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं, ताकि वे (विपक्ष) भी तैयार हों और इसलिए हम पहले से नोटिस दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि 14 विधेयक तैयार हैं और हम और भी अधिक पर विचार कर सकते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम सभी विधेयकों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा करने में विश्वास करते हैं। हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और हम सभी मामलों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, आगामी संसद सत्र के लिए सरकार द्वारा सूचीबद्ध विधेयकों में बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक शामिल हैं, जो सहकारी समितियों में सरकार की भूमिका को युक्तिसंगत बनाने और बहु-राज्य सहकारी समितियों के कामकाज में भागीदारी बढ़ाने का प्रयास करता है ताकि उन पर जनता का विश्वास बढ़े और उनके वृद्धि और विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जा सके।

संविधान संशोधन के विधेयक भी होंगे पेश
छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के लिए अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की सूची को संशोधित करने के लिए संविधान संशोधन के लिए दो अलग-अलग विधेयक भी पेश किए जाएंगे। ‘प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल’ के माध्यम से 155 साल पुराने ‘प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट’ को एक सरल संस्करण में तब्दील करने का प्रयास किया जाएगा, जिसके दायरे में डिजिटल मीडिया को भी लाया जाएगा।

प्राचीन स्मारकों से संबंधित कानून में भी संशोधन
प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष (संशोधन) विधेयक के जरिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को और अधिक अधिकार प्रदान किया जाएगा। प्राचीन स्मारकों से संबंधित कानून में भी संशोधन किया जाएगा। इसका उद्देश्य निषिद्ध क्षेत्रों और अन्य संशोधनों को युक्तिसंगत बनाना भी है। पारिवारिक न्यायालय (संशोधन) और भारतीय अंटार्कटिक विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध हैं, जबकि सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक को राज्यसभा में उसी दिन विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इसके अलावा, व्यक्तियों की तस्करी (संरक्षण, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2022 विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की तस्करी को रोकने और उससे निपटने का प्रयास करता है। मसौदा विधेयक के अनुसार, तस्करी के दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को कम से कम सात साल की कैद हो सकती है, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। दोषी पर कम से कम एक लाख रुपये और अधिकतम पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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