सोनभद्र में हिण्डाल्को के डॉक्टर ने बिना ऑपरेशन दूरबीन विधि द्वारा बच्चे की छाती से निकाला दस रुपये का सिक्का

सोनभद्र,डॉक्टर को यूँ ही नहीं भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है और कभी- कभी यह कुछ ऐसे वाकयों से सिद्ध भी होता है जब बीते गुरुवार को ऐसा ही अनोखा मामला रेणुकूट स्थित हिण्डाल्को अस्पताल में आया जिसे सुन कर हर किसी ने सराहा। गौरतलब है कि अनपरा निवासी धर्मजीत सिंह घबराए हुए हिण्डाल्को अस्पताल पहुंचे जब उनके 13 साल के बच्चे ने खेल-खेल में 10 रुपये का सिक्का निगल लिया,जिसके कारण बच्चा गर्दन व छाती में गंभीर दर्द से छटपटा रहा था।
ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर शोभित श्रीवास्तव द्वारा प्रारम्भिक जांच में बच्चे के गले में सिक्का नहीं दिखा, किंचित चिंतित डॉक्टर ने समझ लिया कि सिक्का नीचे सरक कर छाती या पेट में जा सकता है। जिस पर हॉस्पिटल के सीएमओ डॉक्टर भास्कर दत्ता के निर्देशन में डॉक्टर शोभित श्रीवास्तव ने बच्चे की छाती का एक्स-रे किया। रिपोर्ट में छाती में नीचे की ओर एक दस का सिक्का स्पष्ट रूप से फंसा हुआ दिख रहा था। डॉक्टर शोभित श्रीवास्तव ने सूझ-बूझ से बिना देर किये बच्चे को बेहोश कर
बिना ऑपरेशन दूरबीन विधि से सिक्का बाहर निकाल दिया जिससे बच्चे के साथ साथ उनके परिजनों ने भी चैन की सांस ली। बच्चे को सकुशल कुछ ही देर में घर भी भेज दिया गया। परिजनों ने डॉक्टर शोभित श्रीवास्तव के प्रति आभार व्यक्त किया। बच्चे के पिता ने बताया कि जैसे ही उन्हें मालूम चला कि बच्चे ने सिक्का निगल लिया है वह अनपरा से सीधे हिण्डाल्को हॉस्पिटल के लिए भागे क्योंकि उन्हें पता था कि इस मामले में जिले में सिर्फ एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस हिण्डाल्को हॉस्पिटल के डॉक्टर ही मदद कर सकते हैं। वहीं डॉ शोभित ने बताया कि अक्सर बच्चों द्वारा सिक्का निगलने के मामले सामने आते रहते हैं। ज़रूरी यह है कि बच्चों को पैसे न दिए जाएं क्योंकि खेल-खेल में बच्चे पैसे निगल लेते हैं जिससे उनकी जान को खतरा पैदा हो जाता है।

रवीन्द्र केसरी सोनभद्र

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