हाईवे पर उतरेंगे हैलीकॉप्टर, 600 जगह बनेंगे हैलीपेड, नितिन गडकरी ने बताया क्या है सरकार का प्लान
नई दिल्ली. देशभर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हैलीकॉप्टर और ड्रोन की लैंडिंग के लिए सुविधाएं विकसित करने पर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. सरकार की योजना विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों पर 600 जगह हैलीपैड बनाने की है. इनका प्रयोग मेडिकल इमरजेंसी के वक्त किया जा सकेगा. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी. गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले साल तक देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को अमेरिका के बराबर लाकर खड़ा करने का है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इंडियन मर्चेंट्स चैंबर के कार्यक्रम में कहा कि हैलीपेड जैसी सुविधाओं से सड़क दुर्घटनाओं और अंग प्रत्यारोपण जैसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थितियों से निपटने में मदद मिलेगी. राष्ट्रीय राजमार्गों पर 600 से ज्यादा जगहों पर सरकार विश्वस्तरीय वे-साइड सुविधाएं बना रही हैं.
नितिन गडकरी ने कहा कि हाईवे के साथ-साथ सरकार वाहन चालकों के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास कर रही है. वेसाइड सुविधाओं में अच्छे शौचालय, पार्किंग और रेस्टोरेंट जैसी बेसिक सुविधाएं तो होगी ही साथ ही सड़क किनारे ट्रक चालकों के लिए डोर्मिटरी, इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की सुविधा और ट्रॉमा सेंटर जैसी सुविधाएं भी सुलभ कराने के लिए काम चल रहा है.
नितिन गडकरी ने कहा कि हस्तशिल्प और स्थानीय स्तर पर बनाए गए उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए रिटेल आउटलेट भी खोले जाएंगे उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसी अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं में 8-9 फीसदी के मुकाबले भारत में ढुलाई खर्च जीडीपी का 13-14 फीसदी अधिक है. उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान एक बहुत बड़ी पहल है. इससे ढुलाई खर्च को कम करने में मदद मिलेगी.
गडकरी ने कहा कि उच्च लॉजिस्टिक्स लागत ग्लोबल बाजारों में ‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्ट्स की प्रतिस्पर्धा को कम करती है. ढुलाई खर्च जीडीपी के 9 फीसदी तक कम करना सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है. गडकरी ने कहा, एक मजबूत, स्थिर, निर्णायक और पारदर्शी सरकार 2025 तक देश के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है.