धर्मलाइफस्टाइल

30 जनवरी से इन राशि के लोगों के जीवन में मचेगा कोहराम, शनि देंगे कर्मों का फल

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। शनि को एक राशि से दूसरी राशि में आने में ढ़ाई साल का समय लगया है। वहीं 12 राशियों के चक्र को पूरा करने में 30 साल लग जाते हैं। कर्मफलदाता 17 जनवरी को कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस गोचर से कुछ राशियों को अशुभ फलों की प्राप्ति होगी। इसके अलावा गोचर के 13 दिन बाद शनि अस्त हो जाएंगे।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि 30 जनवरी को रात्रि 12.06 मिनट से 6 मार्च रात 11.36 मिनट तक अस्त अवस्था में रहेंगे। इसके बाद 17 जून को रात 10.48 मिनट पर वक्री अवस्था में आ जाएंगे। शनैश्चर के अस्त होने से कई राशियों के जातकों पर दुखों का पहाड़ टूट सकता है। जानिए किन राशिवालों को सावधान रहना होगा।

शनि के अस्त होने से धनु राशिवालों को साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी। मकर राशि के जातकों पर साढ़े साती का तीसरा चरण शुरू होगा। वहीं कुंभ राशि के जातकों पर दूसरा चरण और मीन राशि वालों पर पहला चरण शुरू होगा।

तुला राशि के जातकों को शनि ढैय्या से राहत मिलेगी। वृश्चिक राशि के जातकों पर ढैय्या का दौर शुरू होगा। मिथुन राशिवालों से ढैय्या समाप्त होगी। इसके अलावा कर्क राशि के जातकों पर शुरू हो जाएगी।

1. शनिवार के दिन पीपल वृक्ष को जल अर्पित करें। साथ ही सात बार परिक्रमा करें।

2. शनि साढ़े साती से छुटकारा पाने के लिए काले घोड़े की नाल या नाव की कील की बनी अंगूठी बनवाकर दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में पहनें।

3. शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें। साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

4. शनिदेव को नीले रंग के फूल अर्पित करें। साथ ही ऊँ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।

5. हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि दोषों से मुक्ति मिलती है।

6. शनिवाल के दिन काले कपड़े, काले तिल, कंबल, लोहे के बर्तन आदि का दान करना शुभ माना गया है। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं।

 

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------