77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से बोले PM मोदी- देश मणिपुर के लोगों के साथ, इस कालखंड के फैसले लिखेंगे हजार साल का स्वर्णिम इतिहास
नई दिल्ली. आज जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 77वें स्वतंत्रता दिवस (77th Independence Day) के मौके पर मंगलवार को सुबह लाल किले पहुंचे, जहां उन्होंने लगातार 10वीं बार इस ऐतिहासिक प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। वहीं इसके बाद 21 तोपों की गर्जना से शानदार सलामी दी गई।
वहीं ध्वजारोहण के बाद आज PM मोदी लाल किले से भाषण दिया। यहां उन्होंने समस्त देशवासियों को आजादी के पर्व की शुभकामनाएं दी। आज PM मोदी ने कहा कि, “मैं आज देश की आजादी के जश्न में योगदान और बलिदान देने वालों को नमन करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं।”उन्होंने आगे कहा कि, “दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और अब जनसंख्या के मामले में भी अग्रणी देश। इतना बड़ा देश, मेरे परिवार के 140 करोड़ सदस्य आज स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।मैं भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने वाले सभी बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि, “मणिपुर पर कहा कि मेरे प्यारे परिवार जनों पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में हिंसा का दौर चला। संविधान के साथ खिलवाड़ हुआ। देश मणिपुर के लोगों के साथ है। शांति से समाधान का रास्ता निकलेगा। हर समस्या का समाधान निकाला जाएगा।”
इसके साथ ही आज PM मोदी ने कहा कि, “हम जो भी फैसला करेंगे, वो 1000 साल तक हमारे भाग्य को लिखने वाला है। मैं देश के बेटे बेटियों को कहना चाहूंगा, जो सौभाग्य आज मिला है, शायद ही किसी का नसीब होता है, जिसे ये मिला हो। इसे गंवाना नहीं है। मुझे युवा शक्ति पर भरोसा है। आज मेरे युवाओं ने दुनिया में तीन पहले स्टार्टअप इकोसिस्टम में स्थान दिला दिया है। दुनिया को भारत की इस ताकत को देखते हुए अचंभा हो रहा है।”
वहीं आज PM मोदी बोले कि, “भारत ने जो कमाल किया है, वो दिल्ली-मुंबई चेन्नई तक सीमित नहीं है। टियर 2 और टियर 3 सिटी के नौजवान भी भाग्य गढ़ रहे हैं। देश का ये जो सामर्थ्य नजर आ रहा है। वो छोटे शहरों से बाहर आ रहा है।”
इसके बाद PM मोदी ने कहा कि, “देश त्याग और तपस्या के बाद आजाद हुआ। यह अमृतकाल का पहला साल है। अमृतकाल में सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय को लेकर सरकार आगे बढ़ रही है। अब देश नए संकल्पों से जुड़ रहा है। पंच प्राण के साथ देश आगे बढ़ रहा है। आज हमारे पास लोकतंत्र और विविधता है। दुनिया के देश बूढ़े हो रहे हैं, लेकिन भारत युवा हो रहा है। आज के फैसलों से आने वाला भविष्य तय होगा। सामर्थ्य देश के भाग्य को बदल देता है। अब न रुकना है और ना ही दुविधा में जीना है।”
वहीं युवाओं को मिल रहे नए अवसरों पर आज PM मोदी ने कहा कि, ” आज हमारे युवाओं को अवसरों की कमी नहीं है। आप जितने अवसर चाहेंगे, देश उतने अवसर देने में समर्थ है। देश में विशेष शक्ति जुड़ रही है, माताओं बहनों की शक्ति की। ये आप का ही परिश्रम है। किसानों की शक्ति जुड़ रही है, देश कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मैं मजदूरों, श्रमिकों का कोटि कोटि अभिनंदन करना चाहता हूं।”
इसके साथ ही आज PM मोदी ने कहा कि, “भारत का सामर्थ्य और विश्वास नई बुलंदियों को पार करने वाली हैं। आज देश में जी-20 समिट की मेहमाननवाजी का मौका मिला। जी-20 के देशभर के कोने में अलग अलग आयोजन हुए हैं। इससे सामान्य मानवीय के सामर्थ्य का दुनिया के सामने परिचय हुआ है। भारत को जानने समझने की जरूरत बढ़ी है। भारत का एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा है। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि भारत रुकने वाला नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि, “कोरोना काल के बाद दुनिया नए सिरे से सोचने लगी है। मैं विश्वास से देख रहा हूं कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया ने जो आकार लिया था, कोरोना के बाद ग्लोबल ऑर्डर, नया पॉलिटिकल इक्वेशन आगे बढ़ रहा है। इसके जरिए परिभाषाएं बदल रही हैं। बदलते हुए विश्व को आकार देने में 140 करोड़ भारतीयों का सामर्थ्य नजर आ रहा है। अब आप और हम सब निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं। कोरोना में लोगों ने आपके सामर्थ्य को पहचाना है। आज वर्ल्ड ऑर्डर तय करने में गेंद हमारे पाले में है। इस मौके को छोड़ना नहीं चाहिए।”
जानकारी दें कि, आज इससे पहले, लाल किला पहुंचने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। लाल किला पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने सलामी गार्ड का निरीक्षण किया। इसके बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने जैसे ही राष्ट्रीय ध्वज फहराया, भारतीय वायु सेना के दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर मार्क-III ध्रुव ने कार्यक्रम स्थल पर पुष्प वर्षा की।