जनपद के बच्चों में सामाजिक व व्यवहारिक बदलाव पर बाल हितधारकों को दिया गया प्रशिक्षण
सोनभद्र,जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुधांशु शेखर शर्मा के आदेश पर नोडल जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा विकास खण्ड दुद्धी के सभागार मे एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण का संचालन जिला बाल संरक्षण इकाई ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे ने किया, प्रशिक्षण के संबंध में परिचर्चा भी की गई । मौके पर उपस्थित 42 हित धारकों को बच्चो में सामाजिक व व्यवहारिक बदलाव (एसबीसीसी), बाल विवाह , बाल तस्करी , बाल भिक्षावृत्ति, बाल यौन उत्पीड़न एवं बाल श्रम रोकथाम हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान श्रम प्रवर्तन अधिकारी दुद्धी राम कुमार द्वारा बालश्रम पर रोकथाम एवं प्रभावी अंकुश लगाने हेतु की जा रही कार्य विधियों पर चर्चा की गई तथा बताया गया कि यदि कोई बालक या बालिका जिसके अभिभावक माता-पिता में से कोई एक या दोनों नहीं है तो उसे शिक्षा के लिए ₹1000 प्रतिमाह सरकार द्वारा शिक्षा सहायता दिया जाएगा। संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक द्वारा बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम के संबंध में जानकारी दी गई । सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजन चौधरी द्वारा बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम पर चर्चा करते हुए बताया कि यदि कोई नाबालिक लड़का या लड़की की शादी करता है या शादी में उपस्थित रहता है तो वो अपराधी होंगे। बाल विवाह पर रोक के लिए उसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। थाना एएचटीयू से अमन द्विवेदी द्वारा मानव तस्करी पर प्रभावी रोकथाम हेतु चलाए जा रहे अभियान एवं गतिविधियों पर चर्चा करते हुए उपस्थित सभी को प्रशिक्षित भी किया । विशेष किशोर पुलिस इकाई से मंजीत पटेल द्वारा पाक्सो एक्ट के बारे में जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के अंत में ग्राम स्वराज समिति के द्वारा बाल विवाह,बाल तस्करी पर अंकुश हेतु शपथ दिलाई गई । कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण समिति के सदस्य ग्राम स्वराज समिति दुद्धी के सचिव महेशानन्द, परियोजना कार्यालय से मुख्य सेविका, आंगनवाड़ी कार्यकर्ती व ग्राम प्रधान तथा स्वैच्छिक संगठन के लोग उपस्थित रहे।
रवीन्द्र केसरी सोनभद्र