आईवीआरआई में पशुधन को पंजीकृत करने हेतु रिव्यू मीटिंग का आयोजन
बरेली ,14फरवरी। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, आईवीआरआई जल्द ही रूहेलखण्ड के पशुधन को पंजीकृत करने जा रहा है , जिसके लिए संस्थान में पशु आनुवांशिक संसाधनों की नेटवर्क परियोजना एनबीएजीआर, करनाल के सहयोग से संचालित की जा रही है इस सम्बन्ध में एक रिव्यू मीटिंग कल संस्थान में की गयी।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि नेटवर्क परियोजना के तहत रूहेलखण्ड क्षेत्र के पशुधन जिनमें गाय, भेड़ एवं पोनी को लिया गया है इस कार्य को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों एवं प्रक्षेत्र सहायकों की एक टीम बनायी गयी है। जो इस परियोजना को शीघ्र सम्पन्न करेगी।
एनबीएजीआर, करनाल के निदेशक डा. बी.पी. मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि पशुधन का पंजीकरण कराना बहुत अनिवार्य है क्योंकि इसके देश के किसानों की आय में वृद्धि हो सकेंगी क्योंकि अगर हम पशुओं का वर्गीकरण कर पंजीकरण कर दें तो उस प्रजाति को हम संरक्षित कर सकते हैं तथा उसके उत्पादों को प्रसिद्ध किया जा सकता हैं इसके उपरान्त उस पशु का मूल्य बढ़ जायेगा। उन्होंने कहा कि अभी भी देश के 54 प्रतिशत पशुधन को पंजीकृत करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त जो भी पशु को पंजीकृत किया जाय उसकी एक सोसाइटी भी बनायी जाये जिससे उस प्रजाति का विकास किया जा सके तथा उसे तकनीकी सहायता प्रदान की जा सके।
इस नेटवर्क परियोजना के प्रधान अन्वेषक डा. अनुज चौहान ने परियोजना की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह परियोजना 25 सितम्बर, 2023 को स्वीकृत की गयी। तत्पश्चात इस परियोजना को रूहेलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत बरेली, बदायूं तथा पीलीभीत जिले के 8 ब्लाक तथा 54 गावों में 312 गायों का वर्गीकरण किया जा चुका है। संस्थान का लक्ष्य जल्द ही 500 से अधिक गायों का वर्गीकरण करना है। इसके अतिरिक्त रूहेलखण्ड क्षेत्र के भेड़ तथा पोनी के वर्गीकरण का कार्य भी चल रहा है जिससे भविष्य में इन्हें भी पंजीकृत किया जा सके। डा. अनुज चौहान ने बताया कि संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त के दिशानिर्देश में इस परियोजना में संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डा. रूपसी तिवारी, डा. बृजेश कुमार, डा. अमित कुमार तथा डा. अयोन तरफदार शामिल हैं।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. अयोन तरफदार द्वारा किया गयां। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट