उत्तर प्रदेश

जिलाधिकारी के अभिनव प्रयोग के तहत विद्यालयों के स्मार्ट टी0वी0 द्वारा दी जा रही आवश्यक जानकारियां

 

बरेली, 15 मार्च। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार के निर्देशों के क्रम में जनपद के परिषदीय विद्यालयों में रसोईया और पंचायत सहायक के माध्यम से सायं के समय में स्मार्ट क्लासों के माध्यम से गांववासियों व कृषकों को आपदा प्रबंधन के गुण सिखाये जा रहे हैं, जिसके अन्तर्गत आंधी-तूफान, आकाशीय बिजली (वज्रपात), अग्निकांड, भूकम्प/सुनामी, बाढ़, कोहरा एवं शीतलहर, चक्रवात, भू-स्खलन, हिमस्खलन आदि से संबंधित विभिन्न प्रकार की वीडियो दिखाकर जागरूक किया जा रहा है।

वीडियो के माध्यम से बताया जा रहा है कि आंधी-तूफान आने पर सभी विद्युत उपकरणों को बन्द रखें, कार/बस व बंद वाहन में यात्रा कर रहें हैं तो सुरक्षित स्थान देकर रुक जाएं, टिन की छतों/धातु की चादरों/होर्डिंग्स आदि संरचनाओं से दूर रहें, क्षतिग्रस्त मकान, कमजोर संरचना, पेड़, मोबाइल टॉवर, बिजली के खम्भे, हाई टेंशन लाइन से दूर रहें, टूटी विद्युत लाइनों, क्षतिग्रस्त संरचनाओं, सड़कों और टूटे वृक्षों से सावधान रहें। धारदार अथवा नुकीली वस्तुओं को खुले में न रखें, धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें, पेड़ के नीचे शरण न लें, घर से बाहर जाने की आधिकारिक सूचना न मिलने तक न निकलें, यात्रा के दौरान घर लौटने के लिये निर्देशित मार्ग का ही पालन करें, घर पहुंचने की जल्दी न करें आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है।

आकाशीय बिजली (वज्रपात) के समय पक्के मकान में शरण लें, यात्रा के दौरान वाहन में न रहें, खिड़की/दरवाजे/बरामदे एवं छत से दूर रहें, बिजली की सुचालक वस्तुओं से दूर रहें, बिजली के उपकरणों या तार के सम्पर्क में आने से बचें, समूह के बजाय अलग-अलग खड़े रहें, खेत-खलिहान में पैरों के नीचे लकड़ी, प्लॉस्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें, धातु से बने कृषि यंत्रों से स्वयं को दूर रखें, घायल व्यक्ति को तत्काल नजदीकी चिकित्सा केन्द्र ले जाएं, मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी लेते रहें। पेड़ के नीचे न खेड़ हों, दीवार के सहारे टेक न लगाएं, बिजली एवं टेलीफोन के खम्भों के नीचे शरण न लें, नल, फ्रिज व टेलीफोन आदि को न छुएं, धातु से बनी वस्तुओं का प्रयोग न करें आदि के बारे में जानकारी देने वाले वीडियो भी दिखाये जा रहे हैं।

अग्निकाण्ड से बचाव हेतु शांत रहे, धबराएं नहीं और भागें नहीं, अलार्म बजाएं और अपने परिसर में सभी को सचेत करें, निकटतम उपलब्ध निकास मार्गों का उपयोग करें, परिसर से बाहर निकलते समय यदि संभव हो तो अपने पीछे सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद कर लें, सीढ़ियों का उपयोग करें (लिफ्ट का उपयोग न करें), यदि कपड़ों में आग लग जाए तो अनियंत्रित आग लगने की स्थिति में पीड़ित को कम्बल में तब तक लपेटें जब तक आग बुझ न जाए। कभी भी आग में खड़े न हों, हमेशा धुएं के नीचे रेंगें और अपना मुंह ढक कर रखने की कोशिश करें, किसी भी कारण से कभी भी जलती हुई इमारत में दोबारा न जाएं, अगर कोई गुम हो तो फायरमैन को बताएं, सिगरेट के जले हुये सिरे को लापरवाही से न फेंकें, जले हुए कपड़ों को न हटाएं (जब तक कि वे आसानी से न निकल जाएं), जले हुए स्थान पर चिपकने वाली पट्टी न लगाये, खाना बनाते समय साड़ी का आंचल या दुपट्टा का ख्याल रखें, पटाखों के इस्तेमाल पर लापरवाही, पशु बाड़ों में सुखा चारा ना रखना, चूल्हे के पास अधिक जलावन ना रखना आदि के बारे में जानकारी देने वाले वीडियो भी दिखाये जा रहे हैं।

इसी प्रकार भूकम्प के दौरान धैर्य रखें, जहां हैं वहीं सुरक्षित स्थान ढूंढें, घर में गिरने वाली भारी वस्तुओं, कांच, खिड़की, अलमारी एवं दरवाजों से दूर रहें, मजबूत मेज, चारपाई या पलंग आदि के नीचे अथवा दीवार के कोने में शरण लें, बिजली के मेन स्विच एवं गैस के रेगुलेटर तुरंत बंद कर दें, पुराने व जर्जर मकान या संरचना में हैं तो तुरंत किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं, यदि आस-पास सुरक्षित स्थान नहीं है तो तुरंत खुले मैदान में चले जाएं, खुले मैदान में पेड़, बिजली के खम्भे, हाईटेंशन लाइन, मोबाइल टावर, पानी की टंकी एवं ऊँची बिल्डिंग से दूर रहें, दिव्यांग/वृद्ध/बच्चों व गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें, बहुमंजिली इमारतों से बाहर निकलने के लिये लिफ्ट का प्रयोग न करें आदि के बारे में जानकारी देने वाले वीडियो दिखाये जा रहे हैं।

वीडियो के माध्यम से बाढ़ से बचने के लिये बाढ़ की चेतावनी प्राप्त होते ही खुद को और अपने पड़ोसियों को सर्तक करते हुये पूर्व से चिन्हित ऊँचे स्थानों पर चले जायें, सबसे पहले गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों दिव्यांगों और बीमार व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचायें, घर की कीमती वस्तुएं तथा कागजात सुरक्षित रखें, लाइफ जैकेट, हवा से भरे ट्यूब और बोतल तैयार रखें, फार्स्ट ऐड बाक्स/ औषधि अपने पास रखें, वस्तुएं एवं खाने की चीजों को सुरक्षित रखें। बाढ़ के पानी के सम्पर्क में आयी खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें, पानी की गहराई पता न होने पर उसे पार करने की कोशिश न करें, बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का सेवन न करें, क्षमता से अधिक लोग नाव में न बैठें, बच्चों को बाढ़ के पानी में न खेलने दें, बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों एवं संरचनाओं में प्रवेश न करें, क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें, क्षतिग्रस्त पुल या पुलिया को वाहन द्वारा पार करने की कोशिश न करें आदि के बारे में जानकारी देने वाले वीडियो भी दिखाये जा रहे हैं।

भूमि के कटाव को रोकने के लिये नालों को साफ रखें, तूफान के जल को ढलानों वाली चट्टानों की सतह (स्लोप्स) से दूर रखें, नालों को कूड़ा, पत्ते, प्लास्टिक की थैलियां, मलबा आदि ना डालें, पानी को बर्बाद न होने दें, अधिक पेड़ों को उगाएं ताकि इसकी जड़ों के माध्यम से मिट्टी के कटाव को रोका जा सके, चट्टान गिरने वाले तथा झुकी हुई/धंसी हुई बिल्डिंग वाले, दरारों वाले हिस्सों की पहचान करें जो भूस्खलन का संकेत देते हैं तथा सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं आदि के बारे में जानकारी देने वाले वीडियो भी दिखाये जा रहे हैं।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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