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‘मेरे 24 लाख सब्सक्राइबर हैं, चैनल को बंद न करें’, यूट्यूबर ने लगाई गुहार तो इमोश्नल हो गए CJI चंद्रचूड़

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (6 सितंबर, 2024) को मद्रास हाईकोर्ट के उस निर्देश पर रोक लगा दी, जिसमें यूट्यूबर फेलिक्स जेराल्ड को जमानत देने की शर्तों के तहत अपना चैनल रेडपिक्स 24×7 बंद करने का निर्देश दिया गया था. फेलिक्स जेराल्ड को अपने यूट्यूब चैनल पर एक अन्य यूट्यूबर सवुक्कू शंकर का आपत्तिजनक साक्षात्कार प्रसारित करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. सवुक्कू शंकर ने मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीशों और राज्य की महिला पुलिस अधिकारियों के खिलाफ साक्षात्कार के दौरान कुछ टिप्पणियां की थीं. हाईकोर्ट ने दोनों यूट्यूबर को जमानत देते हुए फेलिक्स जेराल्ड को एक शर्त के रूप में अपना चैनल बंद करने को कहा था.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और चैनल को बंद करने के विशेष निर्देश पर रोक लगा दी. हालांकि, कोर्ट ने उनसे जमानत की अन्य शर्तों का पालन करने को कहा. मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, ‘आप न्यायपालिका और सभी महिला आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगा रहे हैं. आप इस तरह के साक्षात्कार क्यों करते हैं?’

यूट्यूबर की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि इस तरह का साक्षात्कार नहीं दिखाया जाना चाहिए था. एडवोकेट गोपाल शंकरनारायण ने साथ ही कहा कि चैनल के 24 लाख सब्सक्राइबर हैं और इसे बंद करने का निर्देश कठोर है.

बेंच ने कहा कि वह फेलिक्स जेराल्ड की याचिका को सवुक्कु शंकर की ओर से दायर लंबित याचिकाओं के साथ नहीं जोड़ेगी. इससे पहले सुवक्कू शंकर ने राज्य पुलिस द्वारा अपनी हिरासत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. कोर्ट ने 30 अगस्त को तमिलनाडु सरकार से कहा था कि वह शंकर को कई आपराधिक मामलों के सिलसिले में रिहा किए जाने के तुरंत बाद हिरासत में लिए जाने के पीछे के कारणों से उसे अवगत कराए.

सवुक्कू शंकर (48) को कोयंबटूर पुलिस ने चार मई को दक्षिणी थेनी में एक यूट्यूब चैनल को दिए साक्षात्कार में महिला पुलिस कर्मियों के बारे में 30 अप्रैल को कथित अपमानजनक बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. यूट्यूबर के खिलाफ थेनी पुलिस ने कथित तौर पर गांजा रखने का मामला भी दर्ज किया है. सवुक्कू शंकर को सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट के आदेशों के बाद रिहा कर दिया गया था, लेकिन 12 अगस्त को उन्हें राज्य पुलिस ने फिर से हिरासत में ले लिया.

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