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झारखंड सरकार इस तारीख को देगी ‘होली गिफ्ट’, 50 लाख महिलाओं के खाते में आएंगे 5000 रुपये, जानें किसको मिलेगा

रांची: झारखंड में मंईयां सम्मान योजना की राशि होली से पहले मिलने की उम्मीद है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग इसकी तैयारी में जुटा है। कई लाभार्थियों के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हैं। इसलिए राशन कार्ड से सत्यापन करके पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है। जनवरी और फरवरी महीने का पैसा एक साथ दिया जाएगा। पैसा भेजने का काम 8 मार्च के बाद शुरू होगा। होली से पहले सभी को पैसा मिल जाएगा।

झारखंड सरकार की है योजना
बता दें कि मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार की एक योजना है। इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है। इससे पहले दिसंबर 2024 में लाभार्थियों को पैसा दिया गया था। उसके बाद सरकार ने सभी जिलों से लाभार्थियों का सत्यापन करने को कहा था। इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं। आवेदिका झारखंड की निवासी होनी चाहिए। उसके पास मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड और आधार से लिंक बैंक खाता होना चाहिए। सरकार ने दिसंबर तक इनमें से एक शर्त में छूट दी थी। अगर लाभार्थी का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है, तो भी उसे दिसंबर तक का पैसा दिया गया था।

40 लाख लाभार्थियों का हो चुका है सत्यापन
जनवरी से पैसा नहीं मिलने का मुख्य कारण यही शर्त है। अभी भी कई लाभार्थियों के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हैं। विभाग ने इस शर्त में मार्च तक छूट देने का प्रस्ताव भी तैयार किया था। लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। इसलिए विभाग राशन कार्ड के आधार पर पैसा ट्रांसफर कर सकता है। राज्य में लगभग 40 लाख से ज्यादा लाभार्थियों के राशन कार्ड का सत्यापन हो चुका है। सत्यापन से पता चला है कि राशन कार्ड सही हैं और लाभार्थी झारखंड की निवासी हैं।

8 मार्च से पैसे देने की प्रक्रिया
पैसा देने की प्रक्रिया 8 मार्च के बाद शुरू होगी। जनवरी और फरवरी, दो महीने का पैसा एक साथ दिया जाएगा। होली से पहले सभी को पैसा देने की कोशिश की जा रही है। मार्च महीने का पैसा भी जल्द दिया जाएगा। विभाग इस काम में तेजी से लगा हुआ है।

दिसंबर में मिला था लाभार्थियों को पैसा
दिसंबर 2024 में 56.61 लाख लाभार्थियों को पैसा दिया गया था। अब इस संख्या में कमी आ सकती है। पलामू प्रमंडल में ही लगभग दो लाख फर्जी लाभार्थी मिले हैं। पूरे राज्य में ऐसे फर्जी लाभार्थियों की संख्या पांच लाख से अधिक होने का अनुमान है। दरअसल, सरकार की कोशिश है कि योजना का लाभ असली लाभार्थियों तक पहुंचे। इसलिए आधार और बैंक खाते को जोड़ना जरूरी बनाया गया है। लेकिन जिनके खाते लिंक नहीं हैं, उन्हें भी राशन कार्ड के आधार पर पैसा दिया जा सकता है।

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