बडी खुशखबरी: यूपी और बि‍हार वाले लोगों की बल्‍ले-बल्‍ले, जानें क्‍या है मोदी सरकार की योजना

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस पर करीब 32500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किलोमीटर रेलमार्ग जोड़ा जा सकेगा. कैब‍िनेट की बैठक के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया क‍ि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. कैब‍िनेट से इस पर‍ियोजना को मंजूरी म‍िलने के बाद सबसे ज्‍यादा फायदा यूपी और ब‍िहार आने-जाने वाले यात्र‍ियों को होगा. 10 प्‍वाइंट्स में जानें क‍ि यूपी और ब‍िहार की क‍िस रूट पर पर‍ियोजना को शाम‍िल क‍िया गया है.

रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 7.06 करोड़ मानव दिवसों के प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा.

देश के 9 राज्यों के 35 शहरों से जुड़ी इस परियोजना से रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किलोमीटर रेलमार्ग जोड़ा जा सकेगा. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.

ये पर‍ियोजनाएं मल्‍टी-मॉडल कनेक्‍ट‍िव‍िटी के ल‍िए पीएम-गत‍ि शक्‍त‍ि राष्‍ट्रीय मास्‍टर प्‍लान में सहायक होंगी. इससे यात्र‍ियों और वस्‍तुओं की आवाजाही आसान हो जाएगी. इतना ही नहीं उत्‍तर से दक्ष‍िणी राज्‍यों के बीच ज्‍यादा से ज्‍यादा ट्रेनें चल सकेंगी.

इस प्रस्तावित परियोजना में गोरखपुर कैंट- वाल्मीकिनगर, सोननगर-अंदल मल्टी ट्रैकिंग परियोजना के दोहरीकरण, नेरगुंडी-बारंग, खुर्दा रोड-विजयानगरम और मुदखेड-मेदचाल के बीच तीसरी लाइन तथा गुंटुर- बीबीनगर तथा चोपन-चुनार के बीच वर्तमान लाइन का दोहरीकरण शामिल है. इसमें समखिअली-गांधीधाम के बीच चार लाइन बनाने का प्रस्ताव है.

सरकार के इस फैसले के बाद वर्षों से व‍िचाराधीन गोरखपुर कैंट- वाल्मीकिनगर के बीच मौजूदा लाइन का दोहरीकरण महत्‍वपूर्ण है. 96 किलोमीटर की परियोजना पर 1269.8 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

इस फैसले का सबसे ज्‍यादा फायदा उत्‍तर प्रदेश और ब‍िहार के रेल यात्र‍ियों को होगा. इसी रूट पर गंडक नदी पर 854 मीटर लंगा पुल भी बनना है. 12 स्‍टेशनों वाला यह ट्रैक नेपाल सीमा के पास से होकर गुजरेगा. इस ट्रैक के दोहरीकरण के बाद इस रूट पर 15 अत‍िर‍िक्‍त मालगाड़‍ियां चलाई जा सकेंगी.

यह फैसला द‍िल्‍ली-कोलकाता रूट के ल‍िए भी फायदेमंद होगा. इस प्रोजेक्‍ट पर 13606 करोड़ रुपये खर्च होंगे. चोपन से चुनार के बीच मौजूदा लाइन का भी दोहरीकरण क‍िया जाएगा. चोपान-चुनार खंड पर 102 किलोमीटर की इस परियोजना पर 1553 करोड़ रुपये की लागत आएगी.

इससे बनारस से लखनऊ की यात्रा भी सुगम हो जाएगी. 101 क‍िमी के रूट के डबल लाइन हो जाने से यूपी से छत्‍तीसगढ़ और झारखंड की ओर जाना आसान हो जाएगा. इससे यहां ट्रेनों की संख्‍या भी बढ़ जाएगी.

गुंटुर- बीबीनगर के बीच इस लाइन की लम्बाई 239 किलोमीटर होगी और इस पर 3238 करोड़ रुपये की लागत आएगी. मुदखेड-मेदचाल के बीच 418 किलोमीटर पर इस परियोजना की लागत 5655.4 करोड़ रुपये आएगी. समखिअली-गांधीधाम के बीच 53 किलोमीटर की परियोजना पर 1,571 करोड़ रुपये की लागत आएगी. नेरगुंडी-बारंग, खुर्दा रोड-विजयानगरम खंड पर 385 किलोमीटर की परियोजना पर 5,618 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सोननगर-अंदल मल्टी ट्रैकिंग परियोजना के तहत 374.5 किलोमीटर के दोहरीकरण पर 13,606 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

इस फैसले के बाद से रेल मार्ग खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, लोहा, तैयार इस्पात, कच्चा तेल, खाद्य तेल, चूना पत्थर जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण हैं. मंत्री ने बताया क‍ि इन क्षमता उन्नयन कार्यों के परिणामस्वरूप 20 करोड़ टन प्रति वर्ष माल यातायात अतिरिक्त जोड़ा जा सकेगा. बयान के अनुसार, पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष परिवहन का माध्यम होने के कारण इससे रेलवे के जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने और देश की लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने में मदद मिलेगी.

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