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दिव्यांगों को मिले हक की हेल्थकेयर… तकनीक और संवेदना का नया दौर शुरू

लखनऊ: पूर्व आईएएस एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि दिव्यांगजनों की स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीक आधारित, सुदृढ़ और अधिक सुलभ बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जोर दिया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम समाज में अधिकार आधारित न्याय सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण साधन है, इसलिए इसकी प्रक्रियाएं पारदर्शी और नागरिक-अनुकूल हों।

मुख्यमंत्री सलाहकार, शनिवार को राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय में आयोजित संवेदीकरण कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 की धारा 25 के अंतर्गत स्वास्थ्य देख-रेख एवं सर्टिफिकेशन विषय पर आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों को दिव्यांगता मूल्यांकन, प्रमाणन और स्वास्थ्य सेवाओं के अद्यतन मानकों से अवगत कराना था। राज्य आयुक्त प्रो. हिमांशु शेखर झा ने दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं यूडीआईडी कार्ड निर्गमन प्रक्रियाओं को सरल, समयबद्ध और पूर्णतः ई-गवर्नेन्स आधारित बनाने के निर्देश दिए।

साथ ही विषय विशेषज्ञ राहुल बजाज (अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय), आयुष्मिता सामल, प्रवीण प्रकाश अंबष्ठ (उप मुख्य आयुक्त, दिव्यांगजन, भारत सरकार) तथा डॉ. पीके श्रीवास्तव (बलरामपुर अस्पताल) ने दिव्यांगता मूल्यांकन के नवीन मानकों, मानसिक विकास संबंधी पहलुओं, स्वास्थ्य प्रावधानों और आवश्यक संवेदनशीलता पर व्याख्यान दिए। कार्यक्रम में एस. गोविन्दराज (आयुक्त, दिव्यांगजन, भारत सरकार), डॉ. संदीपा श्रीवास्तव (निदेशक, चिकित्सा उपचार), डॉ. अमित कुमार राय (उपायुक्त), शशांक सिंह (सहायक आयुक्त) समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्रदेशभर के अपर निदेशक (चिकित्सा) और मुख्य चिकित्साधिकारियों ने भी सक्रिय भागीदारी की।

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