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बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में ‘अनुसंधान पद्धति और सांख्यिकीय तकनीकों का उपयोग: डेटा से निर्णय तक’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का हुआ उद्घाटन 

            बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में दिनांक 8 दिसंबर को सांख्यिकी विभाग, स्कूल ऑफ फिजिकल एंड डिसीजन सांइसेज की ओर से ‘अनुसंधान पद्धति और सांख्यिकीय तकनीकों का उपयोग: डेटा से निर्णय तक’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य तौर पर सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं स्कूल ऑफ फिजिकल एंड डिसीजन सांइसेज के संकायाध्यक्ष प्रो. सुरिंदर कुमार, डॉ. मीनाक्षी मिश्रा, डॉ. अमित कुमार मिश्रा, डॉ. सुभाष कुमार यादव, डॉ. नीतेश कुमार वर्मा एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. राहुल वार्ष्णेय उपस्थित रहे। कार्यक्रम की‌ शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। साथ ही आयोजन समिति की ओर से शिक्षकों को पुष्पगुच्छ भेंट करके सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम प्रो. सुरिंदर कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया। इसके पश्चात डॉ. राहुल वार्ष्णेय ने सभी को कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रुपरेखा से अवगत कराया।
         इस अवसर पर शोधार्थियों के लिए दो व्याख्यान सत्रों का आयोजन किया गया। प्रथम व्याख्यान सत्र के दौरान डॉ. प्रयास शर्मा ने ‘मापन एवं स्केलिंग, प्रश्नावली निर्माण और डेटा संकलन उपकरण (Measurement and Scaling, Questionnaire Designing and Data Collection Tools) विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। सत्र में मापन स्केलों की मूलभूत अवधारणाओं, प्रश्नावली निर्माण के वैज्ञानिक सिद्धांतों तथा शोध अध्ययनों में उपयोग होने वाले आधुनिक डेटा संकलन उपकरणों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। प्रतिभागियों को वैध, विश्वसनीय एवं पक्षपात-रहित प्रश्नावली निर्माण के साथ-साथ अनुभवजन्य शोध में डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने के व्यावहारिक पहलुओं की भी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। यह व्याख्यान विभिन्न विषयों के अनुसंधानार्थियों, विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों द्वारा व्यापक रूप से सराहा गया।
         द्वितीय व्याख्यान सत्र के दौरान डॉ. नीतेश कुमार वर्मा ने ‘शोध डिज़ाइन का चयन: पीएचडी शोधार्थियों के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शिका (Selecting the Right Research Design: A Practical Guide for PhD Scholars) विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। प्रस्तुति में शोध डिज़ाइन का अर्थ, उद्देश्य और इसके प्रमुख प्रकारों की व्याख्या की गई। इसमें यह बताया गया कि शोधार्थी अपने शोध समस्या, उद्देश्यों, डेटा और विश्लेषण की आवश्यकता के आधार पर उपयुक्त विधि कैसे चुन सकते हैं। इस प्रस्तुति में शुरुआती शोधकर्ताओं द्वारा अक्सर की जाने वाली सामान्य गलतियों पर भी प्रकाश डाला गया।
        अंत में डॉ. राहुल वार्ष्णेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, शोधार्थी एवं प्रतिभागी मौजूद रहे।
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