पाकिस्तान के नए खतरनाक ड्रोन का बीएसएफ ने निकाला तोड़
जालंधर : जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पंजाब में भी पाकिस्ता अपनी चालबाजियों से बाज आता नहीं दिख रहा है. पंजाब को नशे के कुएं में धकेले रखने के लिए वहां नित नई तरकीबें लगा रहा है. इसी कड़ी में वह ड्रग्स स्मगलिंग के लिए ऐसे हाईटेक ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, जो आसानी से पकड़ में नहीं आते. हालांकि बीएसएफ ने उसके अरमानों पर पानी फेरते हुए इसका तोड़ भी निकाल लिया है. बीएसएफ (पंजाब फ्रंटियर) के इंस्पेक्टर जनरल अतुल फुलझेले ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से नए वर्जन के ड्रोन से स्मग्लिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि उस पार से आने वाले ड्रोन्स के साइज छोटे हो गए हैं और वे मात्र एक किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ते हैं, जिन्हें ट्रैक करना मुश्किल होता है.
जालंधर में बीएसएफ के हेडक्वार्टर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) ने संबोधित किया. उन्होंने बताया कि इस साल जनवरी की शुरुआत से तकरीबन 137 ड्रोन पकड़े गए हैं. इनके जरिए हथियारों, पिस्टल्स, 2 एके-47 रायफल्स और 160 किलोग्राम से भी ज्यादा हिरोइन पकड़ी गईं. आईजी ने कहा कि जमीन से तस्करी और भूमिगत खासकर पाइपों के जरिए हाल के बर्षों में न के बराबर हो गई है. हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए आजकल ड्रोन का ट्रेंड बहुत बढ़ गया है.
आईजी ने आगे बताया कि सभी पकड़े गए सभी ड्रोन की लैब में जांच चल रही है. लगभग सभी चीनी कंपनी के हैं. उन ड्रोन के ब्रांड नाम माविक (Mavik) है. लेकिन ये सारे ड्रोन्स काफी एडवांस हैं. पहले, जो ड्रोन पकड़े गए थे, उनसे आवाज निकलती थी और उनकी पेलोड क्षमता मात्र 3-4 किलोग्राम थी. स्थिती ऐसी थी कि उसे आखों से ऊंचाई पर देखा जा सकता था, लेकिन नए ड्रोन्स का वजन केवल 500 ग्राम है और ये आवाज भी नहीं करते हैं. सेना इनको पकड़ने के लिए नई तकनीक पर काम कर रही है.
सेना के अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन का पता लगाने के लिए रडार का इस्तेमाल किया जा रहा है. साथ ही आईजी ने बाताया कि सरकार बॉर्डर पर एआई तकनीक वाले लगभग 3,000 सीसीटीवी कैमरा लगाने की प्लानिंग में है. बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल को देखते हुए पाकिस्तान से लगे सीमा पर भी गश्त बढ़ा दी गई है.
आईजी ने कहा कि लैब में जांच से यह पता चला है कि ये ड्रोन जहां से लॉन्च किए गए थे, वे पाकिस्तानी सेना के द्वारा प्रयोग में लाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि ड्रोन इंटरनेशल बॉर्डर के काफी करीब से उड़ाए जाते हैं, जिससे साफ पता चलता है कि सेना की मदद से ही यह स्मगलिंग पाकिस्तान सेना की मदद से ही की जाती है.