प्रयागराज में अतीक अहमद की संपत्ति बताकर घरों पर चला बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट ने जताई कड़ी नाराजगी

प्रयागराज: यूपी में बिना कानूनी प्रक्रिया का पालन किए लोगों के घर तोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। माफिया अतीक अहमद की संपत्ति बताकर प्रयागराज में कई घरों को ढहा दिया गया था, लेकिन जब मामला अदालत में पहुंचा, तो यह सामने आया कि जिनके घर तोड़े गए, उनका अतीक से कोई संबंध ही नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई सख्त आपत्ति
जस्टिस अभय एस. ओका और एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने इस कार्रवाई को ‘चौंकाने वाला’ करार दिया और कहा कि सरकार को इस मामले में बिल्कुल सही कदम उठाने होंगे। अदालत ने कहा कि लोगों के घरों को बिना कानूनी प्रक्रिया के इस तरह तोड़ना गलत संकेत देता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा:
“अगर कोई तकनीकी आधार देना चाहता है, तो हलफनामा दाखिल कर सकता है, लेकिन सही तरीका यह होगा कि पहले मकान का पुनर्निर्माण किया जाए, फिर कोई कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाए।”
वकील, प्रोफेसर सहित कई लोगों के घर तोड़े गए
इस मामले में प्रोफेसर अली अहमद, अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर, दो महिलाएं और एक अन्य व्यक्ति ने याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने बिना किसी कानूनी नोटिस या उचित प्रक्रिया के उनके घरों को ध्वस्त कर दिया।

“रात को नोटिस, सुबह तोड़फोड़”
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मार्च 2021 में शनिवार रात को नोटिस चिपकाया गया था और अगले ही दिन रविवार सुबह घर गिरा दिए गए। यह सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और यूपी सरकार को फटकार लगाई।
सरकार का तर्क खारिज, हाईकोर्ट पर भी सवाल
यूपी सरकार के वकील ने दलील दी कि पहले से नोटिस दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे ठुकरा दिया।
पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को भी कठघरे में खड़ा किया और कहा कि यह मामला हाईकोर्ट को वापस नहीं भेजा जाएगा।
सरकार ने समझ लिया था अतीक अहमद की जमीन
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिमन्यु भंडारी ने अदालत को बताया कि सरकार ने गलती से इन लोगों की संपत्ति को माफिया अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति समझ लिया और बिना जांच-पड़ताल किए बुलडोजर चला दिया।
अब क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को संकेत दिया कि टूटे हुए घरों का पुनर्निर्माण कराना होगा। हालांकि, अदालत ने इस पर अंतिम आदेश अभी नहीं दिया है, लेकिन सरकार से उचित जवाब मांगा गया है।

