दावेदारों को नहीं मिल रहा न्याय: तीन साल से अधिक समय से क्षतिपूर्ति दावा अधिकरण प्रयागराज के लिए कोर्टरूम भवन उपलब्ध नहीं
प्रयागराज (श्रुति राय): पिछले साढ़े तीन वर्षों से उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली के लिए बने दावा अधिकरण प्रयागराज के पास न तो अपना कोर्टरूम है और न ही भवन। इससे वादकारियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यह दावा अधिकरण प्रयागराज, प्रयागराज, वाराणसी, विंध्याचल, चित्रकूट और झांसी—इन पांच मंडलों के मामलों में न्याय देने हेतु अधिकृत है।
वर्तमान में दावा अधिकरण प्रयागराज के अध्यक्ष लखनऊ दावा अधिकरण के अध्यक्ष का कार्यभार भी संभाल रहे हैं। उचित कानूनी कार्यवाही के लिए आवश्यक सुविधाओं की अनुपलब्धता ने दावेदारों को न्याय से वंचित कर रखा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए श्री सिद्धार्थ नारायण ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है। याचिका में कहा गया है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण वादकारियों को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव (गृह – पुलिस), आयुक्त प्रयागराज और जिलाधिकारी प्रयागराज से इस विषय में निर्देश प्राप्त करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय का मत है कि शीघ्र ही कोर्टरूम और आवश्यक अधोसंरचना उपलब्ध कराई जाए, जिससे न्याय में और देरी न हो।