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सीएम योगी का निर्देश: तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा को उद्योगों से जोड़ें, हर छात्र को मिले औद्योगिक इंटर्नशिप

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में प्राविधिक और व्यावसायिक शिक्षा को उद्योगों से गहराई से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने शुक्रवार को विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर छात्र को प्रशिक्षण के साथसाथ अनिवार्य औद्योगिक इंटर्नशिप का अवसर मिलना चाहिए, जिससे वे तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें।

तकनीकी शिक्षा में नवाचार और गुणवत्ता को मिला बढ़ावा

सीएम योगी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में तकनीकी शिक्षा को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और नवाचारपरक बनाने के लिए सरकार ने ठोस पहल की है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी प्राविधिक संस्थान NAAC, NBA और NIRF मूल्यांकन के लिए आवेदन करें, लेकिन उससे पहले समुचित तैयारी सुनिश्चित की जाए।
राजकीय और अनुदानित पॉलिटेक्निक संस्थानों की राज्य स्तरीय रैंकिंग व्यवस्था की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने इसमें निजी संस्थानों को भी सम्मिलित करने के निर्देश दिए, ताकि गुणवत्ता के समान मानक विकसित हो सकें।

एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय में व्यापक परिवर्तन

बैठक में बताया गया कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ में 202425 सत्र हेतु 1.64 लाख सीटों पर नामांकन हुआ है। विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन किया है, जिसमें MOOC आधारित अध्ययन, CBCS, मल्टीपल एंट्रीएग्जिट और इंटीग्रेटेड प्रोग्राम शामिल हैं।

202324 में 12,739 छात्रों को रोजगार मिला, जिनमें अधिकतम सालाना वेतन 59.91 लाख रुपये तक पहुंचा। इसी प्रकार, एमएमएमयूटी गोरखपुर के छात्रों को 52 लाख रुपये तक के पैकेज मिले।

शोध, प्रयोगशालाएं और नई तकनीक पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री ने गुणवत्तापूर्ण प्रयोगशालाएं, व्यवहारिक अध्ययन और रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बस्ती, गोंडा, मीरजापुर और प्रतापगढ़ के नवस्थापित इंजीनियरिंग कॉलेजों के भवन निर्माण को समयबद्ध ढंग से पूरा करने का निर्देश भी दिया।

ड्रोन टेक्नोलॉजी से लेकर डेटा साइंस तक का समावेश

प्रदेश में 2139 पॉलिटेक्निक संस्थानों में से 2.68 लाख सीटें उपलब्ध हैं, जिनमें 1.15 लाख से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। इन संस्थानों में ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग जैसे फ्रंटियर टेक्नोलॉजी को पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया है। 2017 से अब तक 39 नए राजकीय पॉलीटेक्निक खोले गए हैं और 13,000 से अधिक शिक्षकअधिकारी प्रशिक्षित किए गए हैं।

आईटीआई और अप्रेंटिसशिप से रोजगार को मिल रहा बढ़ावा

राज्य में वर्तमान में 324 राजकीय और 2982 निजी आईटीआई संचालित हैं। टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से 212 राजकीय आईटीआई को आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षकों से सुसज्जित किया गया है। 202425 में 1.25 लाख प्रशिक्षुओं को अप्रेंटिसशिप व रोजगार के अवसर मिले हैं।

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में अब तक 30,000 से अधिक आवेदन हुए हैं और सीएसआर फंड से 37 जिलों में आधुनिक कौशल प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं।

 

आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर मजबूत कदम

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि तकनीकी शिक्षा केवल प्रमाणपत्र प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि व्यवहारिक, कौशलपूर्ण और उपयोगी शिक्षा प्रणाली होनी चाहिए। उन्होंने संतोष जताया कि उत्तर प्रदेश तकनीकी शिक्षा में सुदृढ़ और दूरदर्शी नीति के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और हर युवा को उसके कौशल के अनुरूप अवसर देने के निर्देश दिए, ताकि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा सके।