लाइफस्टाइलसेहत

पुरुषों की थकान के लिए कौंच के बीज का सेवन, मिलते हैं ये गजब के फायदे

कौंच बीज एक आयुर्वेदिक दवा है, जो सेहत से संबंधित कई विकारों को दूर करता है। इसका इस्तेमाल खासकर पुरुष बांझपन और तंत्रिका विकारों के इलाज में किया जाता है। यह एक कामोद्दीपक औषधी (Aphrodisiac) भी है। शुक्राणुता से लेकर पार्किंसंस रोग तक के इलाज के लिए कौंच का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में किया जाता है। इसे वेलवेट बीन (Velvet Bean) के रूप में भी जाना जाता है। पुरुषों की यौन शक्ति को बढ़ाने में बहुत फायदेमंद होती है।

स्पर्म काउंट में सुधार :

स्पर्म काउंट में कमी होने के पीछे कई तरह के कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। जैसे खराब लाइफस्टाइल, जैसे शराब का सेवन करना, अच्छी नींद न लेना आदि वजहों से स्पर्म काउंट पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वहीं, अगर कोई लंबे समय से मेडिसिन पर निर्भर है, तो भी स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है। ऐसे में पुरुषों को चाहिए कि वे कौंच के बीज का सेवन करें। इससे स्पर्म काउंट में सुधार होता है। दरअसल, कौंच के बीज में गुरु और वृष्य तत्व पाए जाते हैं, जो स्पर्म काउंट में सुधार के लिए जाने जाते हैं।

स्पर्म क्वालिटी में सुधार :

विशेषज्ञों की मानें, बढ़ते तनाव के कारण स्पर्म क्वालिटी में कमी आ सकती है। अगर कोई कौंच के बीज का सेवन करता है, तो इससे फिजियोलॉजिकल स्ट्रेस का स्तर कम होता है। इसका स्पर्म क्वालिटी पर पॉजिटिव असर पड़ता है। असल में, कौंच के बीज में एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जो स्पर्म क्वालिटी में सुधार के लिए जाने जाते हैं।

स्पर्म मोटिलिटी पर असर :

स्पर्म मोटिलिटी का मतलब होता है कि स्पर्म की मूवमेंट। स्पर्म एक जगह से दूसरी जगह तक कितनी देर में पहुंचता है, इसे ही हम स्पर्म मोटिलिटी के नाम से जानते हैं। स्पर्म मोटिलिटी का सही होना बहुत जरूरी होता है। अगर किसी वजह से स्पर्म मोटिलिटी कमजोर हो, तो वह एग्स तक नहीं पहुंच पाता है, जिससे वह फर्टिलाइज नहीं होता है। इस स्थिति में महिला के लिए कंसीव करना मुश्किल हो जाता है। वहीं, अगर पुरुष कौंच के बीज का सेवन एक्सपर्ट की सलाह पर करते हैं, तो इससे उनकी स्पर्म मोटिलिटी पर असर पड़ता है और महिला द्वारा कंसीव करने की संभावना दर बढ़ जाती है।

टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन बढ़ाए :

टेस्‍टोस्‍टेरोन उत्‍पादन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए कामेच्‍छा और यौन प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाता है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में टेस्‍टोस्‍टेरोन का उत्‍पादन कम होता है। टेस्‍टोस्‍टेरोन यौन संबंध और इच्‍छा के लिए महत्‍वपूर्ण हार्मोन होता है। कौंच बीज पुरुष और महिलाओं के लिए कामोद्दीपक का भी काम करता है, क्‍योंकि इसमें प्रोलैक्टिन नामक एक हार्मोन पाया जाता है। प्रोलैक्टिन प्रजनन, चयापचय और इंम्‍यूनोरेगुलेटरी (immunoregulatory) कार्यों के लिए फायदेमंद होता है।

यूं करें इस्तेमाल :

कौंच बीजों का सेवन करने के लिए इन्हें कुछ देर दूध या पानी में भिगोएं। उसके बाद इनका छिलका उतार कर धूप में सुखा दें। सूखने के बाद बीजों को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इसे रोजाना सुबह और शाम को मिश्री या दूध के साथ लें। आप सेक्सुअली खुद को संतुष्ट महसूस करेंगे। इसके बीजों के चूर्ण को दूध के साथ उबाल कर पीने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है।

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