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अपराधियों की अब खैर नहीं: दीवार के पार देखेगा ‘रडार’, बिना सामने आए दुश्मन का सफाया करेगा ‘कॉर्नर शॉट’ हथियार

पटना: बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष के निशाने पर रही नीतीश कुमार सरकार ने अब पुलिस को आधुनिक और घातक हथियारों से लैस करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के लिए 5 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है, जिससे ऐसे हाईटेक हथियार खरीदे जाएंगे जो जवानों के लिए सुरक्षित लेकिन अपराधियों के लिए काल साबित होंगे।

इन हथियारों में सबसे प्रमुख ‘थ्रू-द-वॉल रडार’ और ‘कॉर्नर शॉट वेपन सिस्टम’ हैं, जो अब तक केवल हॉलीवुड फिल्मों या दुनिया की कुछ चुनिंदा सेनाओं के पास ही देखे जाते थे।

गृह विभाग की मंजूरी के बाद अब STF ‘थ्रू-द-वॉल रडार’ सिस्टम खरीदेगी। यह एक ऐसा उपकरण है जो किसी भी घर या इमारत के अंदर छिपे अपराधियों की सटीक संख्या और उनकी लोकेशन बता सकता है। यह रडार 20 मीटर दूर से 12 इंच मोटी दीवार के पार भी देख सकता है। इससे किसी भी ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले STF को अंदर की पूरी जानकारी मिल जाएगी, जिससे जवानों के जीवन का जोखिम कम होगा और ऑपरेशन की सफलता दर बढ़ेगी।

इस खरीद में दूसरा सबसे घातक हथियार ‘कॉर्नर शॉट वेपन सिस्टम’ है। एनकाउंटर के दौरान अक्सर अपराधी किसी दीवार, पेड़ या कोने की आड़ लेकर फायरिंग करते हैं, जिससे जवानों को खतरा होता है। यह इजरायली तकनीक पर आधारित हथियार जवान को बिना दुश्मन के सामने आए, कोने के दूसरी तरफ छिपे अपराधी को निशाना बनाने की ताकत देगा। इसमें एक कैमरा और स्क्रीन लगी होती है, जिससे जवान सुरक्षित जगह पर रहकर ही दुश्मन को देखकर उस पर सटीक निशाना लगा सकता है।

गृह विभाग द्वारा स्वीकृत 5 करोड़ रुपये की राशि से स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के लिए विभिन्न प्रकार के आधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे। इन उपकरणों में एक ‘थ्रू-द-वॉल रडार’ सिस्टम शामिल है, जो दीवारों के आर-पार देखने में सक्षम होगा, साथ ही दो ‘कॉर्नर शॉट वेपन’ सिस्टम भी खरीदे जाएंगे, जिससे जवान सुरक्षित रूप से कोनों से निशाना लगा सकेंगे। इसके अतिरिक्त, दस नाइट विजन डिवाइस रात के अंधेरे में निगरानी और कार्रवाई में मदद करेंगे। संचार को बेहतर बनाने के लिए पचास-पचास एलईडी ड्रैगन लाइट और वॉकी-टॉकी भी खरीदे जा रहे हैं। सुरक्षा बलों को बिना गोली चलाए अपराधियों को निष्क्रिय करने में सक्षम बनाने के लिए दस नॉन-लीथल डिवाइस और जवानों के लिए 80 हल्के टेंट के साथ-साथ कई अन्य आवश्यक सुरक्षा उपकरण भी खरीदे जाएंगे।

इस आधुनिकीकरण से बिहार STF की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी और संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई में उन्हें एक बड़ी तकनीकी बढ़त हासिल होगी।