गुरु पूर्णिमा पर बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम जी के श्रद्धालुओं ने किये दर्शन
वाराणसी: गुरु-शिष्य परंपरा की जीवंत अभिव्यक्ति का केंद्र बना अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम, पड़ाव (वाराणसी)। गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर यहाँ देश-विदेश से हजारों श्रद्धालुओं ने आकर अपने पूज्य गुरुदेव बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम जी का दर्शन-पूजन किया। सुबह से लेकर दोपहर तक श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 5 बजे प्रभातफेरी से हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में साधकों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके उपरांत आश्रम परिसर में सर्वेश्वरी ध्वज का विधिवत आरोहण किया गया, जिसे वरिष्ठ वैद्य बैकुंठनाथ पाण्डेय ने संपन्न किया। इस अवसर पर पृथ्वीपाल द्वारा सफलयोनि पाठ कर वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया गया।
सर्वेश्वरी निवास में अघोरेश्वर महाप्रभु के आसन का विधिवत बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम द्वारा किया गया। इसके उपरांत वे प्रातः 7:30 बजे गुरु-आसन पर विराजमान हुए और तभी से श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गईं। दूर-दराज के राज्यों से लेकर विदेशों तक से आए भक्तगण, अनुशासन में रहकर, क्रमबद्ध रूप से दर्शन-पूजन करते रहे। यह सिलसिला दोपहर 1 बजे तक निर्बाध रूप से चलता रहा। दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं को प्रातःकालीन सूक्ष्म प्रसाद तथा दोपहर में भंडारे में महाप्रसाद प्रदान किया गया। आयोजन में आश्रम के सेवा दल की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। विशेष रूप से आश्रम के बच्चों ने भीषण गर्मी और उमस के बीच श्रद्धालुओं को लगातार शीतल जल व शिकंजी पिलाकर सेवा की मिसाल पेश की।

संस्थान द्वारा दर्शन के दौरान दिव्यांगजन, नवजातों के साथ आई महिलाओं, वृद्धों और गंभीर रोगियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, जिससे वे बिना कठिनाई के दर्शन कर सकें। यह प्रयास श्रद्धालुओं के बीच प्रशंसा का विषय रहा। अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम के बहिरंग चिकित्सा विभाग में 24 से अधिक चिकित्सकों की टीम श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क चिकित्सा में निरंतर सक्रिय रही। आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिए एम्बुलेंस, दवाइयाँ, प्राथमिक उपचार सामग्री समेत सभी व्यवस्थाएँ मौजूद थीं। श्रद्धालुओं का कहना था कि इस आयोजन में उन्हें आध्यात्मिक तृप्ति के साथ-साथ सेवा, व्यवस्था और अनुशासन की ऐसी झलक मिली जो विरले ही देखने को मिलती है। “यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि अध्यात्म और सामाजिक सेवा का जीवंत संगम था, – यह कहना था दिल्ली से आई श्रद्धालु रेणुका शर्मा का। कार्यक्रम का समन्वय श्री सर्वेश्वरी समूह के संयुक्त मंत्री अरविन्द कुमार सिंह के नेतृत्व में संपन्न हुआ। उन्होंने कहा गुरुपूर्णिमा केवल एक पर्व नहीं, एक अवसर है आत्मसाक्षात्कार, समर्पण और सेवा का। इस परंपरा को जन-जन तक पहुँचाना ही संस्था का उद्देश्य है…