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रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के डाॅ.अनिल कुमार विष्ट ने बैंकॉक में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुत किया एवं सत्र की अध्यक्षता की

बरेली, 10अप्रैल। एम.जे.पी. रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के डॉ. अनिल कुमार बिष्ट ने बैंकॉक में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुत किया और सत्र अध्यक्ष की भूमिका निभाई।
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के डॉ. अनिल कुमार बिष्ट ने 4 से 6 अप्रैल 2025 के दौरान थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित “इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इनफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी फॉर इंटेलिजेंट सिस्टम्स (ICTIS 2025)” में अपने शोध पत्र का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया।

डॉ. बिष्ट को न केवल अपने शोध कार्य को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर मिला, बल्कि उन्हें सम्मेलन में सत्र अध्यक्ष (सेशन चेयर) के रूप में भी आमंत्रित किया गया, जो विश्वविद्यालय और देश दोनों के लिए गर्व का विषय है।

डॉ अनिल बिष्ट ने “एयर क्वालिटी इंडेक्स प्रेडिक्शन’ पर शोधपत्र प्रस्तुत किया, जिसे सम्मेलन में उपस्थित विद्वानों और विशेषज्ञों द्वारा अत्यधिक सराहा गया। इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में म्यांमार, चीन, श्रीलंका, रूस, इंडोनेशिया, मोरक्को, फिनलैंड सहित कई देशों के शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

अपने शोध पत्र के माध्यम से डॉ. बिष्ट ने इंटेलिजेंट सिस्टम्स में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों पर अपने महत्वपूर्ण निष्कर्ष प्रस्तुत किए। सम्मेलन में विश्वभर से जुटे विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने उनके कार्य की सराहना की और उनके शोध को प्रासंगिक और नवोन्मेषी बताया।

सम्मेलन के दौरान डॉ. बिष्ट ने कहा, “वैश्विक मंच पर अपने विचार और शोध प्रस्तुत करना मेरे लिए अत्यंत गर्व का क्षण है।

उनकी गहन विषय विशेषज्ञता और प्रभावशाली प्रस्तुति को देखते हुए, सम्मेलन समिति ने उन्हें एक सत्र की अध्यक्षता (चेयरिंग) करने का अवसर भी प्रदान किया, जो उनके शोध और अकादमिक योगदान की महत्वपूर्ण पहचान है।

डॉ अनिल बिष्ट ने इस उपलब्धि का श्रेय माननीय कुलपति प्रो. के.पी. सिंह को दिया, जिनकी प्रेरणा एवं मार्गदर्शन ने उन्हें इस स्तर तक पहुँचने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी स्टेकहोल्डर्स को भी धन्यवाद दिया, जिनके सहयोग से यह संभव हो सका।

उनकी इस सफलता ने भारत एवं एम.जे.पी. रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन किया है।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट