उत्तर प्रदेश

एसआरएमएस रिद्धिमा में नाटक लाइक शेयर कमेंट का मंचन

 


बरेली, 02 दिसम्बर। एसआरएमएस रिद्धिमा के प्रेक्षागृह में कल लाइक शेयर कमेंट का मंचन हुआ। डा. प्रभाकर गुप्ता और अश्वनी कुमार लिखित और विनायक कुमार श्रीवास्तव निर्देशित नाटक लाइक शेयर कमेंट में सोशल मिडिया से होने वाले नुकसान को स्पष्ट रूप में दिखाया गया। साथ ही सोशल मिडिया के उपयोग की भी जानकारी दी गई। इसमें मोबाइल के सही उपयोग से नीट क्वालीफाइ कर अपना भविष्य बनाने वाले और इसका दुरुपयोग कर जेल जाने तक को प्रदर्शित किया गया। दर्शकों ने नाटक को गंभीरता से देखा और विषय को सराहते हुए कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
नाटक के पहले दृश्य में ड्राइंग रूम दिखाया जाता है। जहां किशोरवय विद्यार्थी सन्नी बैठा है। अपने मोबाइल में मगन। उसकी दादी उसे उठाती है, लेकिन वो नहीं उठता है। सन्नी की मां पूजा और उसकी बेटी अलीशा भी अपने अपने मोबाइल में खोये हुए है। तभी डोर वेल बजती है, लेकिन दरवाज़ा खोलने कोई नहीं उठता। दादी सबसे दरवाजा खोलने के लिए कहती हैं, लेकिन सब एक दूसरे पर टालते रहते हैं। इस पर दादी गुस्सा होते हुए खुद ही दरवाज़ा खोलती है। दरवाजे पर उसका बेटा राकेश है। देर से दरवाजा खोलने और सबको मोबाइल पर व्यस्त देख राकेश सभी पर गुस्सा होता है। राकेश और उसकी पत्नी पूजा आपस में झगड़ते हैं, लेकिन दादी सबको चुप करा देती हैं। अगले दृश्य में राकेश बाहर से आता है और बताता है की उसकी बेटी अलीशा ने नीट क्वालीफाई कर लिया और सन्नी का भी एडमिशन दिल्ली के एक अच्छे कॉलेज में हो गया है। यह सुन कर सभी खुश होते हैं। पढ़ाई के लिए सन्नी दिल्ली चला जाता है। वहां उसकी दोस्ती उसके रूम मेट विकास से होती है। विकास उसे जुए वाला गेम खेलना सिखा देता है। सन्नी को इस गेम से पैसा जीतने की लत लग जाती है। एक बार सन्नी के फोन पर एक लिंक आता है, जिसमें दो लाख रूपये लगाने पर बीस करोड़ रूपये मिलने की बात कही जाती है। बीस करोड़ के लालच में सन्नी अपने रूममेट विकास के साथ एक क्रिमिनल फाइनेंसर अजय से मिलता है। दोनों उससे दो लाख रूपये लेकर गेम में लगा देते हैं और सारे रूपये हार जाते हैं। अजय से उधार लिए रुपये वापस करने से बचने के लिए दोनों अजय को मार देने का फैसला करते हैं। दोनों उसे सूनसान इलाके में बुलाते हैं और लगभग मार ही देते है। लेकिन उसी समय वहां पर इंस्पेक्टर सुमेर सिंह और कांस्टेबल मटकेश्वर पहुंच जाते हैं और दोनों को पकड़ कर थाने में बंद कर देते हैं। सुमेर सिंह फोन कर सन्नी के घर फोन करते हैं। जहां दादी फोन उठाती हैं सुमेर उन्हें सारी जानकारी देकर शाम तक दिल्ली के सफदरजंग थाने में आने को कहते हैं। शाम को सन्नी के पिता और मां थाने पहुंचते हैं। वहां बेटे को देख परेशान हो जाते है। नाटक में दादी की भूमिका अनमोल मिश्रा ने निभाई, जबकि सन्नी के रूप में गौरव कार्की, राकेश की भूमिका में संजय सक्सेना, पूजा की भूमिका में सोनालिका सक्सेना, अलीशा के रोल में शहनाज खान, विकास के किरदार में गौरव जोशी, इंस्पेक्टर के रोल में सतेंदर पाठक, मटकेश्वर की भूमिका में शिवम यादव और अजय के रोल में मानेश यादव ने बेहतरीन अभिनय किया। सूत्रधार के तौर पर क्षमा शुक्ला और मेघा सक्सेना ने भी नाटक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। टुकमनी सेन (हारमोनियम), सुमन बिश्वास (ढोलक) और अनुग्रह सिंह (कीबोर्ड) ने अपने वाद्ययंत्रों के जरिए नाटक में को सपोर्ट किया। नाटक में प्रकाश संयोजन रविंदर और ध्वनि संयोजन हर्ष गौड़ ने दिया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, ऋचा मूर्ति जी, उषा गुप्ता, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------