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यूपी के मुरादाबाद में रामगंगा और कोसी नदी का कहर, 65 गांवों में बाढ़ का पानी

मुरादाबाद जिले में रामगंगा, कोसी नदी की बाढ़ ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बाढ़ में 67 से ज्यादा गांव डूबे तो इसमें 65 गांवों की फसलें बर्बाद हो गईं। संपर्क मार्ग और खेत सभी एक जैसे दिखाई दिए। जहां फसलें डूबीं उन खेतों में किसानों को कुछ नहीं हासिल होगा। अभी तक किसानों के फसलों के मुआवजे की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। किसानों का दावा है कि बाढ़ से 50 फीसदी फसलें बर्बाद हो गईं।

मुरादाबाद जिले में सबसे ज्यादा फसलों की बर्बादी सदर तहसील में हुई। इनमें भी मूढापांडे ब्लाक में सबसे ज्यादा फसलें डूबीं। किसानों का दावा है कि आधे से ज्यादा फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। मुरादाबाद ब्लाक के रामगंगा पार इस्लाम नगर क्षेत्र में ठाकुरद्वारा जाने वाले मार्ग पर दोनों छोर पर बसे गांवों मे अबक्कर पुर, हरदासपुर, इस्लाम नगर समेत कई गांव के किसानों की फसलें बेकार हो गईं। कांठ में दरियापुर के आसपास कई गांव में फसलें खराब हो चुकी हैं। इसी तरह ठाकुरद्वारा क्षेत्र में कई गांव हैं जहां फसलें खराब हो गईं।

विभाग की ओर से फसलों की क्षति का आरंभिक आकलन किया था। अब तीन सदस्यीय कमेटी पड़ताल करेगी। कृषि विभाग, राजस्व विभाग और बीमा कंपनी के सदस्य इसमें शामिल होंगे। जिलाधिकारी स्तर से टीम का गठन किया गया है। अभी खेतों में कहीं-कहीं पानी भी भरा है। अभी फसलों की क्षति का आकलन किया जा रहा है।-डॉ.आरपी सिंह, जिला कृषि अधिकारी

यूपी के मुरादाबाद में किसानों ने कर्ज लेकर धान, गन्ने , तिलहन,ज्वार, सब्जी आदि की फ़सल लगाई। कड़ी मेहनत की और खून पसीना लगाया। भविष्य में किसान अच्छी पैदावार की आस लगाए थे कई ने उधार लेकर खेती की पर खुशियां बाढ़ में बह गईं। बाढ़ से हजारों बीघा किसानों की फसलें कई दिन तक पानी में डूबी रहने से बर्बाद हो गईं। बाढ़ से किसानों की फसल को हुई क्षति से किसान परेशान हैं। किसानों ने कर्जकर कर फसलों में लागत लगाई। अब चिंता है कि उसे अदा करेगा। उसे एक ही सहारा है कि सरकारी मदद मिलेगी पर अभी तक कुछ हुआ नहीं।