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1947 में देश और आज जातियों का विभाजन कर रही कांग्रेस, CM योगी का बड़ा हमला

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ के हजरतगंज में आयोजित विभाजन की त्रासदी की स्मृति दिवस के मौके पर मौन मार्च निकाला. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 1947 में जो कुछ भी हुआ उसकी जिम्मेदार कांग्रेस थी. आज भी उसका चरित्र नहीं बदला है. वोट बैंक के लिए कांग्रेस आज जातियों का विभाजन कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश एकत्र होकर इतिहास के उन काले अध्यायों को स्मरण कर रहा है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास केवल अध्ययन का विषय नहीं होता है. वह एक प्रेरणा होती है. गलतियों की परिमार्जन का और गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा ग्रहण करने का. और विभाजन की त्रासदी हम सबको इन्हीं बातों की तरफ ध्यान आकर्षित करती है. आखिर क्या कारण था कि दुनिया का एक सनातन राष्ट्र हजारों हजार वर्ष से एक भारत रहा हो. वह भारत पहले गुलाम हुआ. विदेशी आक्रांताओं के द्वारा यहां की परंपरा और संस्कृति को रौंदा गया, तोड़ा गया और अपवित्र किया गया. इस देश को गुलाम बनाया गया और जब भारत ने अंगड़ाई ली देश के महान क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने विदेशी हुकूमत को उखाड़ फेंका तो उस समय विभाजन की त्रासदी का सामना इस सनातन राष्ट्र को करना पड़ा.

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कौन नहीं जानता है कि अगर तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व दृढ़ता का परिचय देता तो दुनिया की कोई ताकत इस प्राकृतिक विभाजन को मूर्त रूप नहीं दे पाती. लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति का अभाव था. सत्ता का लालच था. किसी भी तरह से सत्ता प्राप्त होनी चाहिए। इसके लिए देश को ही क्यों ना दांव पर लगाना पड़े और यही हुआ. यही 1947 में भी हुआ और उसके बाद भी लगातार यही हो रहा है. जब भी इन लोगों के हाथों में सत्ता आई इन लोगों ने देश की कीमत पर राजनीति की और उसकी कीमत इस देश को और इस देश की भोली वाली जनता को चुकानी पड़ी थी और अभी भी चुकानी पड़ रही है.

डेढ़ करोड़ हिंदू कैसे आज बांग्लादेश के अंदर चिल्ला चिल्ला के अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन दुनिया का मुंह बंद है. देश के सेक्युलरिस्ट का मुंह बंद है, क्योंकि वह कमजोर है. इनको लगता है कि इनका वोट बैंक खिसक जाएगा. वोट बैंक की चिंता है, लेकिन मानवी संवेदना इनकी मर चुकी है. मानवता की रक्षा के लिए उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकलने वाला है, क्योंकि इन्होंने आजादी के बाद उसी प्रकार के राजनीति को प्रेरित और प्रोत्साहित किया है. उसको लेकर के आगे बढ़ते रहे हैं. यह लगातार बांटों और राज करो कि राजनीति के तहत देश के अंदर कार्य करते रहे हैं.

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