आईवीआरआई में कैंसर जीवविज्ञान अनुसंधान में प्रतिरक्षा विज्ञान की तकनीकें विषय पर ज्ञान शाला कौशल विकास कार्यक्रम का शुभारम्भ


बरेली 02 नवंबर । भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज़्ज़तनगर के पशु चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ‘वायरस की जेनेटिक इंजीनियरिंग प्रयोगशाला एवं ‘बायोएसेज़ और बायोसेंसर पर अनुसंधान और प्रशिक्षण की सुविधा’में कैंसर जीवविज्ञान विषय पर दस दिवसीय ‘ज्ञान शाला’ कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पीएचडी के 21 छात्र भाग ले रहे हैं। अगले दस दिनों के दौरान छात्रों को इम्यूनोलॉजी, आणविक जीव विज्ञान और कैंसर जीव विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा ।
इस समारोह के मुख्य अतिथि आईवीआरआई के निदेशक एवं कुलपति डॉ. त्रिवेणी दत्त थे। उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. सोनल और पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. समीर श्रीवास्तव और डॉ. सामिनाथन को बधाई दी और छात्रों के लाभ के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल विकास कार्यक्रमों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों से आईवीआरआई में अपने प्रवास के दौरान संकाय सदस्यों की विशेषज्ञता का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी इच्छा व्यक्त की कि इसी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम अन्य प्रभाग के वैज्ञानिकों द्वारा भी शुरू किये जाने चाहिए।
इस उद्घाटन समारोह में आईवीआरआई के सभी संयुक्त निदेशक, डॉ. के.पी. सिंह, डॉ. एस.के. सिंह, डॉ. एस.के. मेंदीरत्ता और डॉ. रूपसी तिवारी भी उपस्थित थे। संयुक्त निदेशकों ने भी सभा को संबोधित किया और इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए चुने जाने पर छात्रों को बधाई दी।
इस समारोह के दौरान, पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. समीर श्रीवास्तव ने अक्टूबर माह के दौरान आयोजित ज्ञान कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। डॉ. सोनल ने प्रतिरक्षा विज्ञान और कैंसर जीव विज्ञान के एकीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला और कैंसर जीव विज्ञान पर प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। सभी प्रभागों के प्रमुखों, संयुक्त निदेशकों और निदेशक ने छात्रों को नए कौशल सीखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। उनकी राय थी कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्रों के करियर में बेहद फायदेमंद होंगे । कार्यक्रम का संचालन प्रधान वैज्ञानिक डॉ. समीर श्रीवास्तव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ एम समिनाथन ने दीया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विभागध्यक्षों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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