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काशी मेरी और मैं काशी का, वाराणसी के 50वें दौरे पर बोले नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) पहुंचे हैं. ये उनका 50वां दौरा (50th visit ) है. प्रधानमंत्री रहते हुए किसी सांसद का अपने क्षेत्र में 50वीं बार आना अपने आप में एक रिकॉर्ड है. पीएम मोदी ने 3,880 करोड़ रुपये की लागत वाली 44 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस मौके पर नरेंद्र मोदी ने कहा, “काशी मेरी है और मैं काशी का हूं.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में बनारस के विकास ने एक नई गति पकड़ी है. काशी ने आधुनिक समय को साधा है. विरासत को संजोया है और भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में मजबूत कदम रखे हैं. आज काशी सिर्फ पुरातन नहीं, प्रगतिशील भी है. काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है.

‘पूर्वांचल को शिक्षित पूर्वांचल…’
नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “कुछ देर पहले काशी और पूर्वांचल के अनेक हिस्सों में जुड़ी ढेर सारी परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है. कनेक्टिविटी को मजबूती देने वाले अनेक प्रोजेक्ट गांव-गांव घर-घर तक, नल से जल अभियान, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं का विस्तार हर क्षेत्र, परिवार और युवा को बेहतर सुविधाएं देने का संकल्प… ये सारी योजनाएं पूर्वांचल को शिक्षित पूर्वांचल बनाने की दिशा में मील का पत्थर बनने वाली हैं. काशी के हर निवासी को इन योजनाओं से खूब लाभ मिलेगा.”

उन्होंने आगे कहा कि आज सामाजिक चेतना के प्रतीक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी है. महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जी ने जीवन भर नारीशक्ति के हित, उनके आत्मविश्वास और समाज कल्याण के लिए काम किया. आज हम उनके विचारों को, उनके संकल्पों को, नारी सशक्तिकरण के उनके आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं, नई उर्जा दे रहे हैं.’

‘महापुरुषों की प्रेरणा हमारा मंत्र…’
महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में बात करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, “उनके जैसे त्यागी, तपस्वी, महापुरुषों की प्रेरणा से ही देशसेवा का हमारा मंत्र रहा है, सबका साथ-सबका विकास. हम देश के लिए उस विचार को लेकर चलते हैं, जिसका समर्पित भाव है, सबका साथ-सबका विकास. जो लोग सत्ता हथियाने के लिए दिन रात-खेल खेलते रहते हैं, उनका सिद्धांत है, परिवार का साथ-परिवार का विकास.

‘भारत बसे बड़ा दूध उत्पादक देश…’
पीएम मोदी ने कहा, “आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है. 10 साल में, दूध के उत्पादन में करीब 65 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. ये सफलता देश के करोड़ों किसानों की है, देश के पशुपालक भाइयों की है. ये सफलता एक दिन में नहीं मिली है, बीते 10 वर्षों से हम देश के पूरे डेयरी सेक्टर को मिशन मोड से आगे बढ़ा रहे हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि हमने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है, उनके लिए लोन की सीमा बढ़ाई है, सब्सिडी की व्यवस्था की है और खुरपका और मुंहपका से पशुधन को बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन प्रोग्राम चलाया जा रहा है.

‘यही तो है विकास…’
नरेंद्र मोदी ने कहा, “10-11 साल पहले, पूरे पूर्वांचल में इलाज को लेकर जो परेशानियां थीं, वो भी हम जानते हैं. आज स्थितियां अलग हैं, मेरी काशी अब आरोग्य की राजधानी भी बन रही है. दिल्ली-मुंबई के बड़े-बड़े अस्पताल आज आपके घर के पास आ गए हैं. यही तो विकास है, जहां सुविधाएं लोगों के पास आती हैं.”

किस तरह के प्रोजेक्ट्स का हुआ उद्घाटन?
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं का एक अहम हिस्सा ग्रामीण विकास पर केंद्रित हैं. इनमें 130 पेयजल योजनाएं, 100 नए आंगनवाड़ी केंद्र, 356 पुस्तकालय, पिंडरा में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज और एक सरकारी डिग्री कॉलेज शामिल हैं.

कानून प्रवर्तन क्षेत्र में, प्रधानमंत्री पुलिस लाइन में एक ट्रांजिट हॉस्टल और रामनगर में पुलिस बैरक के साथ-साथ चार ग्रामीण सड़कों का उद्घाटन करेंगे. शास्त्री घाट और सामने घाट पर सौंदर्यीकरण परियोजनाओं और रेलवे और वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) द्वारा किए गए कार्यों के साथ शहरी विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.

जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जा रही है, उनमें से 25 की लागत 2,250 करोड़ रुपये है, जो मुख्य रूप से बिजली के बुनियादी ढांचे को लक्षित करती हैं. इनमें 15 नए सबस्टेशनों का निर्माण, ट्रांसफॉर्मर की स्थापना और 1,500 किलोमीटर नई बिजली लाइनें शामिल हैं. 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चौकाघाट के पास एक नया 220 केवी सबस्टेशन बनाने की योजना बनाई गई है.

पीएम मोदी शहर में तीन नए फ्लाईओवर और कई सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं पर भी काम शुरू करेंगे. इसके अलावा, स्कूल के जीर्णोद्धार कार्यों और शिवपुर और यूपी कॉलेज में दो नए स्टेडियमों की आधारशिला रखी जाएगी. एयरपोर्ट से संबंधित बुनियादी ढांचा, जैसे विस्तार की सुविधा के लिए सुरंग बनाना भी दौरे का हिस्सा है.