रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग द्वारा व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित
बरेली, 28 नवम्बर।मुन्नालाल स्मृति व्याख्यान माला के अंतर्गत रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग द्वारा व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय श्री के पी सिंह ने सरस्वती मां के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित लखनऊ विश्वविद्यालय की प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर किरण कुमार थपलियाल ने भगवान बुद्ध के उपासकों के लिए मध्य मार्ग विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं दार्शनिकों के साथ-साथ जन सामान्य की उन्नति के लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण है व्यावहारिक रूप से आमजन बुद्ध के उपदेशों का अक्षरशः पालन कर सांसारिक जीवन बेहतर करने की ओर अग्रसर हो सकता है कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि भगवान गौतम बुद्ध जैसे महान व्यक्ति के बारे में चर्चा करना ही कल्याणकारी हो सकता है आज हजारों वर्षों के बाद भी महात्मा बुद्ध के विचार समीचीन हैं । बौद्ध धर्म के इन्हीं विचारों ने विश्व के कई देशों को न केवल उच्च स्तर पर पहुंचा बल्कि उनके उपदेशों एवं ज्ञान ने विश्व की दो तिहाई आबादी को प्रभावित किया। इतिहास विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर श्याम बिहारी लाल ने अपने वक्तव्य में मुन्ना लाल व्याख्यान मे प्रो. उदय प्रकाश अरोड़ा जी की भूमिका और गौतम बुद्ध ने विश्व कल्याण की भावना से सर्व संभव से दुनिया का मार्ग प्रशस्त किया । सभी आगंतुकों अतिथियों शोध छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर विजय बहादुर यादव ने विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गौतम बुद्ध के विचारों को अति महत्वपूर्ण बताया उन्होंने विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए श्री सौरभ अग्रवाल एवं मुन्नालाल अग्रवाल परिवार का विशेष रूप से धन्यवाद दिया । कार्यक्रम का संचालन इतिहास विभाग की डा प्रिया सक्सेना ने किया इस अवसर पर विश्वविद्यालय एवं विभिन्न कॉलेजों के सौ से अधिक संख्या में श्रोता उपस्थित रहे ।कार्यक्रम में प्रो . सुमित्रा कुकरेती, प्रो० संतोष अरोड़ा, प्रो० शोभना सिंह, प्रो० भोला खान, डॉ सुबोध धवन, प्रो० पी. बी. सिंह, डॉ इसरार खा इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे । साथ ही विद्यार्थी व शोधार्थी ने प्रतिभाग किया।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सकसेना की रिपोर्ट