उत्तर प्रदेशलखनऊ

चिन्मय मिशन लखनऊ के तत्वाधान में अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान गोमती नगर में चल रहे मानस ज्ञान यज्ञ


 

  अद्वैतानन्द आचार्य नासिक केन्द्र ने आगे प्रवचन करते हुए बताया कि पंञ्चांड्ग साधना में भगवान के नाम का सुमिरन, रुप का ध्यान दर्शन, गुणों का श्रवण अनुसरण, लीलाओं का दर्शन एवं धाम का गमन करना चाहिए।

मानव जीवन का विकल्प रहित एकमात्र लक्ष्य है दुःखरहित सुख की प्रप्ति, परन्तु विडम्बना यह है कि चाहता सुख है और बदले में मिलता दुःख ही है। वेदान्त की दृष्टि से कारण सहित दुःख निवृत्ति जिसे सकारात्मक रुप से आनन्द कहते हैं।
हम अस्थाई जगत में स्थायी सुख खोजते हैं। साधन अनेक हैं – जैसे कर्मयोग, ज्ञान योग, भक्ति योग, कुण्डली जागरण, तपस्या, प्राणायाम इत्यादि परन्तु सब उसके अधिकारी नहीं होते हैं।

भगति स्वतंत्र सुख खानि। भागवत में भक्त प्रह्लाद नौ प्रकार की भक्ति बताते हैं। श्रवणं कीर्तनं स्मरणं विष्णुपादसेवनम्। अर्चनं वंदनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्।। नस में रामजी शबरी को भी नवधा भक्ति का उपदेश देते हैं।

प्रथम भगति संतन कर संगा। दूसरी रति मम कथा प्रसंगा।। इत्यादि।

भगवन्नाम नामी का स्मरण भी कराता है और बलात नामी को आकर्षित भी करता है। सहस्रनाम नाम हैं भगवान के प्रयोजन के कारण परन्तु मूल में वही रहते हैं बदलते नहीं है। प्रयोजन से नाम बदलते रहते हैं जैसे गिरधर, गोविंद, मुरलीधर, माखन चोर, रणछोड़, कान्हा, छलिया इत्यादि।

राम नाम रटते रहो दिन रैन। कबहूं तो दीनानाथ के भनक पड़ेगी कान।। नानक नाम खुमारी चढ़ी रहे दिन रैन।

नाम के स्मरण से नामी का शत्रु मित्र भाव भी साथ में आ जाता है। भगवान के दूर रहते हुए भी भक्त उनकी याद में नाम स्मरण कर भावविभोर हो जाते हैं। यथा ब्रजगोपिकानाम्।

नाम जप में चार प्रकार की वाणी का प्रयोग किया जाता है। वैखरी बोलकर, मध्यमा धीमें, पश्यन्ति मन में और परा जो आत्मनिष्ठा के साथ एक।

गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैंः-
सकल कामना हीन जे राम भगति रस लीन। नाम सुप्रेम पियुष हृद् तिन्हहूं किए मन मीन।।

श्रेष्ठ भगत कामना हीन होकर रामनाम रुपी अमृत सरोवर में अपने मन को मछली बनाकर अखण्ड तैलधारावत् आत्म सुमिरन में ही डुबे रहते हैं।

दिनांक 22 अप्रैल से प्रारंभ यह श्रीरामचरितमानस ज्ञान यज्ञ दिनांक 27 अप्रैल तक प्रत्येक दिन सांय 06ः30 से 8 बजे तक अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान गोमती नगर में होगा।

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विनीत तिवारी