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अब सड़क हादसे में सरकार करेगी पीड़ितों का इलाज, नितिन गडकरी ने ‘कैशलेस उपचार’ का किया ऐलान, जानें फायदें

नई दिल्ली: देश में सड़क हादसों की संख्या दिन प्रतिदन बढ़ती जा रही है। ऐसे में कई लोग ऐसे होते है जो हादसा होने के बाद वित्तीय स्थिति मजबूत न होने से इलाज नहीं कर पाते है। इसके कारण उन्हें सही समय पर इलाज न मिलने से जान गंवानी पड़ती है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने “कैशलेस उपचार” योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए सात दिनों के उपचार के लिए 1.5 लाख रुपये तक का खर्च वहन करेगी। नितिन गडकरी ने कहा कि अगर दुर्घटना के बारे में 24 घंटे के भीतर पुलिस को सूचित किया जाता है तो सरकार उपचार का खर्चा उठाएगी।

नितिन गडकरी ने की घोषणा
केंद्रीय मंत्री ने हिट-एंड-रन मामलों में मृतक पीड़ितों के परिवारों के लिए दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, “हमने एक नई योजना शुरू की है – कैशलेस उपचार। दुर्घटना होने के तुरंत बाद, 24 घंटे के भीतर, जब पुलिस को सूचना मिलती है, तो हम भर्ती होने वाले मरीज के सात दिनों के उपचार का खर्च या उपचार के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक प्रदान करेंगे। हम हिट-एंड-रन मामलों में मृतक के लिए भी दो लाख रुपये प्रदान करेंगे।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सड़क सुरक्षा है। उन्होंने इस चिंताजनक आंकड़े का हवाला दिया कि 2024 में करीब 1.80 लाख लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में चली जाएगी। इनमें से 30,000 मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुई हैं।

गडकरी ने कहा कि बैठक में पहली प्राथमिकता सड़क सुरक्षा को लेकर है और वर्ष 2024 में सड़क सुरक्षा के तहत 1.80 लाख मौतें हुई हैं। हेलमेट न पहनने के कारण 30,000 लोगों की मौत हुई है। दूसरी गंभीर बात यह है कि 66% दुर्घटनाएं 18 से 34 वर्ष की आयु के लोगों के साथ हुई हैं। गडकरी ने स्कूल और कॉलेज जैसे शैक्षणिक संस्थानों के पास प्रवेश और निकास बिंदुओं पर अपर्याप्त व्यवस्था के कारण सड़क दुर्घटनाओं में 10,000 बच्चों की मौत पर भी प्रकाश डाला।

स्कूल के नजदीक बढ़ते हादसे
उन्होंने कहा, “हमारे स्कूलों और कॉलेजों के सामने निकास-प्रवेश बिंदु पर उचित व्यवस्था न होने के कारण 10,000 बच्चे मारे गए हैं। स्कूलों के लिए ऑटोरिक्शा और मिनी बसों के लिए भी नियम बनाए गए हैं क्योंकि इसके कारण काफी मौतें हुई हैं। सभी ब्लैक स्पॉट की पहचान करने के बाद, सभी ने मिलकर फैसला किया कि हम इसे कम करने की कोशिश करेंगे।”

यह घोषणा मंगलवार को दिल्ली के भारत मंडपम में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों के साथ गडकरी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद की गई। बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों को सुविधाजनक बनाना और परिवहन संबंधी नीतियों पर चर्चा करना था।

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