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आज ब्रुनेई से सिंगापुर के लिए रवाना होंगे PM नरेंद्र मोदी, भारत के लिए यह दौरा कितना अहम?

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्रुनेई से सिंगापुर पहुंच रहें हैं। यह बीते 6 साल में प्रधानमंत्री की पहली सिंगापुर यात्रा होगी। PM मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में सिंगापुर की यात्रा की थी और अब करीब छह साल बाद वह एक बार फिर से आज सिंगापुर की यात्रा जाने वाले हैं। जहां वह राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग, गोह चोक टोंग से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री सिंगापुर के कारोबारी समुदाय के नेताओं से भी मिलेंगे।

इस बाबत PM मोदी ने कहा था , ‘‘दोनों देश (सिंगापुर और ब्रुनेई) हमारी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भागीदार हैं। मुझे विश्वास है कि मेरी यात्राओं से ब्रुनेई, सिंगापुर और वृहद आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) क्षेत्र के साथ हमारी साझेदारी और मजबूत होगी।’ जानकारी दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते मंगलवार दोपहर 2 दिन के दौरे पर ब्रुनेई पहुंचे थे। तब ब्रुनेई के शहज़ादे (क्राउन प्रिंस) हाजी अल मुहतदी बिल्लाह ने उसका स्वागत किया था। PM मोदी का ब्रुनेई दौरा कई मामलों में ऐतिहासिक रहा है। ये किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला ब्रुनेई दौरा था। PM मोदी ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसन अल-बोल्कैया के इंविटेशन पर यहां पहुंचे थे। दोनों देशों के बीच 2024 में राजनयिक संबधों के 40 साल पूरे हुए हैं। वर्ष 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अक्टूबर 11वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्रुनेई गए थे।

ब्रुनेई भी जरुरी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बाबत कहा था कि वह वह दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सुल्तान हाजी हसनअल बोल्किया और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी बैठकों को लेकर उत्सुक हैं। मोदी ने ब्रुनेई में उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद भी गये, जिसे वर्तमान सुल्तान के पिता ने बनवाया था। उन्होंने भारतीय उच्चायोग में नए ‘चांसरी’ परिसर का भी उद्घाटन किया। दोनों जगहों पर उन्होंने भारतीय प्रवासियों से बातचीत की। इस अवसर पर PM मोदी ने यहां दीप प्रज्वलित किया तथा पट्टिका का अनावरण किया था।

सिंगापुर क्यों भारत के लिए अहम
बता दें कि सिंगापुर मल्लका स्ट्रेट चोकपॉइंट पर स्थित है और इसी का चलते वह हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में पहुंच के लिए यह एक अहम देश बन जाता है। सिंगापुर के साथ भारत का यह रक्षा सहयोग हमारी क्षेत्रीय रणनीतिक समुद्री पहुंच को दक्षिण चीन सागर तक बढ़ाता है और हिंद महासागर में सुरक्षा भागीदार के रूप में सिंगापुर की भूमिका को भी मजबूत करता है। इसके साथ ही सिंगापुर आज भारत में आने वाले FDI के सबसे बड़े सोर्स में से भी एक है, जिसमें फिनटेक, रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में निवेश भी शामिल हैं।

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