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प्रधानमंत्री मोदी जल्द जाएंगे सिंगापुर, मंत्रिस्तरीय वार्ता में सेमीकंडक्टर पर हुई चर्चा

नईदिल्ली : भारत और सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्रियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस दक्षिणपूर्व एशियाई देश की जल्द होने वाली यात्रा के लिए मंच तैयार कर दिया है। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने यह टिप्पणी की। भारत और सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्रियों ने यहां दूसरे बहु-मंत्रालयी गोलमेज सम्मेलन में “सार्थक” चर्चा की और इस बात पर विचार किया कि दोनों देश डिजिटल, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य सेवा, संपर्क और उन्नत विनिर्माण में द्विपक्षीय सहयोग को कैसे बढ़ा सकते हैं। यह दूसरी बार है जब सिंगापुर और भारत के मंत्रियों ने भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) के लिए मुलाकात की है। इसकी पहली बैठक सितंबर 2022 में हुई थी।

बालकृष्णन ने कहा कि उन्नत विनिर्माण और सेमीकंडक्टर के साथ ही विमानन और समुद्री संपर्क, ऐसे नए क्षेत्र हैं जिन्हें सिंगापुर और भारत ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा के लिए इस उच्च स्तरीय मंच पर शामिल किया है। मंत्रिस्तरीय बैठक को ‘‘सार्थक’’ बताते हुए बालकृष्णन ने कहा कि इसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा के लिए भी मंच तैयार कर दिया है जो कि ‘‘जल्द ही’’ होगी।

भारत और सिंगापुर के बीच यह दूसरा मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन है। पहली बार साल 2022 में इसका आयोजन किया गया था, तब सिंगापुर के तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने भारत का दौरा किया था। विवियन बालकृष्णन ने कहा कि इस चर्चा में उन्नत विनिर्माण और सेमीकंडक्टर्स के साथ ही विमानन और समुद्री संपर्क जैसे नए क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। सिंगापुर के मीडिया के अनुसार, बालकृष्णन ने सोमवार को कहा कि दोनों देश उन्नत विनिर्माण और सेमीकंडक्टर पर सहयोग करना चाहते हैं – ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें भारत विस्तार करना चाहता है, वहीं सिंगापुर अपने से कहीं अधिक बेहतर बना सकता है।

सिंगापुर के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत में आने वाले वर्षों में विमानन क्षेत्र में भी जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलेगी। पिछले वर्ष ही भारत की तरफ से 1,000 से अधिक विमानों का ऑर्डर दिया है। इससे आने वाले वर्षों में विमानन रखरखाव और हवाई संचालन जैसी सेवाओं के लिए बेहतरीन अवसर पैदा होंगे और ये एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सिंगापुर और इसकी कंपनियां वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी हैं।

बालकृष्णन के अलावा, दोनों देशों की गोलमेज बैठक में सिंगापुर का प्रतिनिधित्व उप-प्रधान मंत्री और व्यापार और उद्योग मंत्री किम योंग, गृह मामलों और कानून मंत्री के. षनमुगम, डिजिटल विकास और सूचना मंत्री जोसेफिन टेओ, जनशक्ति मंत्री तान सी लेंग और परिवहन मंत्री ची होंग टाट ने किया। वहीं भारत का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया।

भारत और सिंगापुर की सरकारों में डिजिटलीकरण, हरित अर्थव्यवस्था, कौशल विकास, स्वास्थ्य सेवा और खाद्य सहयोग सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है। फरवरी 2023 में सिंगापुर के PayNow और भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के बीच लिंक-अप के अलावा दोनों देश हरित अमोनिया जैसे नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश कर रहे हैं। बैठक में दोनों देशों के बीच साइबर सुरक्षा मजबूत करने के उपायों पर भी बात हुई।

 

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