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रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने विगत वर्ष में अनेकों राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग सहित विभिन्न उपलब्धियां हासिल कीं

 

बरेली , 04 जनवरी। “विगत वर्ष 2024 में विश्वविद्यालय ने नैक ग्रेडिंग में ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त किया, यूजीसी कैटिगरी 1 विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त किया, एनआईआरएफ एवं वर्ल्ड क्यू एस रैंकिंग सहित अनेको राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में स्थान प्राप्त किया, टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग , इंडिया टुडे रैंकिंग इत्यादि अनेकों रैंकिंग्स मैं विश्वविद्यालय ने अपना स्थान बनाया जिसके फल स्वरुप विश्वविद्यालय की छवि सुधार का महत्वपूर्ण कार्य हुआ है साथ ही राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय की पहचान भी बनी है ,” रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी.सिंह ने लखनऊ ट्रिब्यून से विशेष साक्षात्कार में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि विगत वर्ष विश्वविद्यालय को पीएम उषा योजना के अंतर्गत 100 करोड रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय डिजिटल लर्निंग हब के अंतर्गत अनेकों डिजिटल लर्निंग पाठ्यक्रम शुरू करेगा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑगमेंटेड रियलिटी इत्यादि के माध्यम से न केवल उच्च कोटि की गुणवत्ता युक्त शिक्षण सामग्री छात्रों के लिए उपलब्ध होगी बल्कि छात्रों के लिए वर्चुअल लैब्स की भी सुविधा उपलब्ध होगी। विगत वर्ष में 187 शोध छात्रों को पीएचडी उपाधि विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई है साथ ही 725 शोधार्थियों को विभिन्न विषयों में शोध कार्य हेतु प्रवेश भी दिया गया है। बड़ी संख्या में रिसर्च ग्रांट विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं शोधार्थियों को विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा प्राप्त हुई है एवं विश्वविद्यालय द्वारा अपने शोधार्थियों को शोध कार्य हेतु भी रिसर्च ग्रांट प्रदान की जा रही है।
कुलपति प्रोफेसर के.पी.सिंह ने हमारे संवाददाता को बताया कि विश्वविद्यालय डिजिटल लर्निंग हब, अंतरराष्ट्रीय ट्रांसिट हॉस्टल एवं पायलट इनक्यूबेशन फैसिलिटी शीघ्र ही शुरू करने जा रहा है। पिछले वर्ष विश्वविद्यालय प्रांगण में शिक्षक एवं शोध हेतु चार विभिन्न देशों से कुल 71 अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने प्रवेश किया है जो विश्वविद्यालय की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस आधार पर विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन अंतरराष्ट्रीय जगत में भी अपना परचम लहरा रहा है।
निकट भविष्य में विश्वविद्यालय के समस्त कार्य समर्थ पोर्टल से संचालित होंगे तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूर्ण रूपेण अंगीकृत कर विश्वविद्यालय अपने पठन पाठन सहित अन्य सभी कार्यों को पूर्ण करेगा। विगत वर्ष विश्वविद्यालय ने अनेकों समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं जिनमें से अधिकतम सफलतापूर्वक कार्यरत हैं। राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले दिशा निर्देशों का विश्वविद्यालय द्वारा सामग्र रूप से अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है।
कुलपति जी ने बताया की विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर उठाए गए सुधार कार्यों की बदौलत विश्वविद्यालय छात्रों का ध्यान अपनी और आकृष्ट करने में सफल रहा है एवं छात्रों की अभिरुचि विश्वविद्यालय में निरंतर बड़ी है।
खेलकूद के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय ने चहुं ओर अपने नाम को आगे बढ़ाया है। विश्वविद्यालय के छात्रों ने बैडमिंटन, नेटबॉल, शूटिंग, ग्रेपलिंग, जूडो, सेपक टकरा, एथलेटिक्स सहित अनेको खेलकूद प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। खेलकूद प्रतियोगिताओं के अतिरिक्त वाद विवाद भाषण रंगोली सहित अनेको विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी विश्वविद्यालय के छात्र विश्वविद्यालय का नाम ऊंचा करते रहे हैं।
विगत वर्ष विश्वविद्यालय द्वारा ड्यूल M.Tech. एवं पी. एचडी. पाठ्यक्रम, इंजीनियरिंग के विषयों में डिप्लोमा कोर्सेज के साथ-साथ विधि एवं बहु भाषा अध्ययन केंद्र में अनेकों डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्सेज की शुरुआत की गई है। विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज डेवलपमेंटल काउंसिल भी प्रारंभ किया गया है जिसका कार्यालय विश्वविद्यालय के नेहरू केंद्र में स्थित है।
विश्वविद्यालय अपनी सामाजिक जिम्मेदारियां का भी बखूबी पालन कर रहा है जिसके अंतर्गत मुख बधिर एवं विकलांग विद्यार्थियों हेतु चलाए जा रहे दिशा विद्यालय को विश्वविद्यालय शीघ्र ही केजी से पीजी तक संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय का हेल्थ सेंटर डिजिटल एक्स-रे मशीन ऑक्सीजन युक्त बेड एवं एंबुलेंस से सुसज्जित है जिसे विश्वविद्यालय में अध्यनरत बी फार्मा के छात्र एक्सपीरियंशियल लर्निंग ग्रुप के अंतर्गत संचालित कर रहे हैं।
कुलपति महोदय ने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय से 614 कॉलेज संबंध है जिसमें से 372 कॉलेज मुरादाबाद एवं 242 कॉलेज बरेली क्षेत्र को प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय प्रांगण में पांच अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों को उद्योग जगत के अनुकूल बनाने का प्रयत्न कर रहा है ताकि छात्रों को अधिकतम प्लेसमेंट प्राप्त हो सके साथ ही विश्वविद्यालय न केवल अपने प्रयोगशालाओं को उन्नत कर रहा है बल्कि बरेली एवं इसके आसपास के क्षेत्र में जिन उद्योगों के पास उच्च स्तरीय लैब की सुविधा उपलब्ध है वहां अपने छात्रों के कार्य करने की अनुमति की व्यवस्था भी कर रहा है।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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