Top Newsउत्तर प्रदेशराज्य

रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के  जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर हुआ संगोष्ठी का आयोजन 

बरेली,14अप्रैल।भारत रत्न डॉ.भीम राव अम्बेडकर जी के 134 वें जन्म दिवस की  पूर्व संध्या पर महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय विकसित भारत के परिप्रेक्ष्य में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के विचारों की प्रासंगिकता रहा। संगोष्ठी का शुभारंभ बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ । उसके पश्चात दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण  किया गया। इसके पश्चात विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र के संगीत क्लब की छात्राओं नंदिनी, श्रेया, नम्रा  और कृष्णगी  द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी गई।अतिथियों के औपचारिक स्वागत के बाद  प्रो . पी.बी.सिंह  , अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की रूपरेखा के साथ अंबेडकर जी का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. श्याम बिहारी लाल, माननीय  विधायक फरीदपुर और विभागाध्यक्ष , प्राचीन इतिहास और संस्कृति विभाग, रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा कृषि विकास, बैंकिंग, ट्रेजरी , चकबंदी आदि क्षेत्रों में विशेष कार्य किया गया। बैंकिंग के क्षेत्र में जहां उन्होंने रुपए से संबंधित समस्याओं के समाधान को कृषि व्यवस्था के माध्यम से सुधारने के क्षेत्र में कार्य किया, वही स्वतंत्रता, समानता और विश्वबंधुत्व के संदेश को भी देश में फैलाया । असमानता, अस्पृश्यता , जातिगत विभिन्नता में सुधार के लिए न केवल आंदोलन चलाने और विभिन्न कानून बनाने में भी अपना योगदान दिया। फ्रांस की क्रांति, यूरोपीय व्यवस्था, मूर्ति पूजा ,चार वर्णों की जातिगत व्यवस्था आदि के संबंध में अंबेडकर जी के योगदान के विषय में बताया।  मिलजुल कर सामाजिक समानता और समरसता की स्थापना,  रोजगार की उपयुक्त व्यवस्था, असमानता आदि विसंगतियों को दूर किया जा सकता है। अंबेडकर जी द्वारा महात्मा बुद्ध द्वारा दिए गए  विचारों ,सार्वभौमिक जीवन मूल्यों , महिलाओं के अधिकारों,संगठित व्यवस्था , महिलाओं  के अधिकार,  श्रमिकों के लिए अधिकार तथा कार्यकारी योजनाओं की व्यवस्था के लिए किए  गए प्रयासों के विषय में भी बताया।  सरकार द्वारा नीति निर्धारक व्यवस्थाओं और कानूनी हस्तक्षेप से सभी को समानता का अधिकार दिलवाया जाए, यह आवश्यक  है।
इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष कुलपति प्रो. के . पी.सिंह द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि डॉ.भीमराव अंबेडकर जी का जन्म ऐतिहासिक माह में हुआ जिसमें विभिन्न त्योहार जैसे बैसाखी, रमजान , नववर्ष भी आते हैं जो कहीं ना कहीं विश्व बंधुत्व का परिचायक है ।डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने शिक्षा का हक दिलाने के लिए न केवल शोषित वर्ग के लिए बल्कि  सभी वर्गों के उत्थान के लिए उन्होंने कार्य किया। डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने कृषि के क्षेत्र में विशेष  सुधारात्मक प्रयास किए।डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने भूमि की लागत को कम करने के लिए सामुदायिक खेती की अवधारणा, कृषि और गैर कृषि दोनों के लिए एकल कर की प्रणाली ,कृषि क्षेत्र में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने, जोतों को विखंडन से बचाने और चकबंदी को संरक्षित बनाए रखने, सिंचाई और नहरों की व्यवस्था हेतु भी सुझाव  दिए। आर्थिक शोषण के खिलाफ संरक्षण प्रदान करने के लिए संविधान में प्रावधान किए और उन्होंने भू स्वामित्व की नीति संबंधी प्रस्ताव भी रखे।  भूमि, हरित क्रांति,शिक्षा, बीमा , उद्योग और बैंकों के राष्ट्रीयकरण संबंधी प्रस्ताव के साथ साथ  श्रमिकों और किसानों के सामाजिक, आर्थिक जीवन स्तर की प्रगति और उत्थान के लिए विभिन्न सुझाव दिए तथा उनकी शैक्षिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा संबंधी आवश्यकताओं पर  भी बल दिया। शैक्षिक क्षेत्र में शैक्षिक एवं सामाजिक क्षेत्र में  उनके  विचार प्रासंगिक  और  योगदान अविस्मरणीय है। बाबा साहब का साहस , उदारता , न्याय प्रियता, दृढ़ता ,समानता और स्वतंत्रता की भावना वंदनीय है। उनका जीवन और विचार हम सभी के लिए सदैव प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे। संगोष्ठी संयोजक डॉ. ज्योति पाण्डेय ने कहा कि संगोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को  डॉ. भीम राव अम्बेडकर जी के व्यक्तित्व, विचारों,  नीतिगत तथ्यों और  समाज सुधार हेतु किए गए  प्रयासों से अवगत कराना रहा और संगोष्ठी के सफल आयोजन से  इस उद्देश्य की प्राप्ति हुई। मंच संचालन सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. ज्योति पाण्डेय द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुरेश द्वारा किया गया। संगोष्ठी डॉ इंदरप्रीत कौर, डॉ.एम. एस.करुणा, डॉ.विशाल सक्सेना, प्रो. सलीम, डॉ प्रिया , डॉ.आभा, डॉ.कामिनी,डॉ.रामकेवल,श्री सुधाकर मौर्य, श्री तपन वर्मा, कल्चरल क्लब से मो.फैज , दीपांशु, अनुष्का, महक, अमरजीत, अभिषेक, अब्दुल सहित संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, निदेशक, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और  विद्यार्थी उपस्थित रहे।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट