सावधान: तुरंत खाना छोड़ दें ये 6 चीजें, वरना कभी भी हो सकता है कैंसर!, पढे पूरी खबर

 

नई दिली: प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड अपने स्वाद और जल्दी बनने की वजह से ज्यादा पसंद किए जाते हैं। लेकिन आपको मालूम होना चाहिए जंक फूड, रेडी-टू-ईट स्नैक्स या कई प्रोसेस्ड फूड्स का टेस्ट और उन्हें लंबे समय तक सेफ रखने के लिए उनमें कई हानिकारक केमिकल्स, कलर, प्रिजर्वेटिव और आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल किया जाता है जोकि कैंसर सहित दिल के रोगों का खतरा बढ़ा सकते हैं।

ध्यान रहे कि कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी है। इसकी कई वजह हैं और एक बड़ी वजह यह भी है कि आप क्या खाते-पीते हैं। आपके द्वारा रोजाना खाई जाने वाली चीजें आपको कैंसर के खतरे में डाल रही हैं, जैसे हमने ऊपर बताया है। समय रहते अगर आपने नीचे बताए खाद्य पदार्थों का सेवन कम नहीं किया या पूरी तरह बंद नहीं किया, तो इसमें जरा सा भी शक नहीं है कि एक दिन आप भी कैंसर का मरीज बनकर बैठे हों।

मसालों, पनीर, अनाज, चिप्स, कुकीज और पीले रंग के पेय में पाया जाने वाला पीला 5 और 6 दूसरा और तीसरा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला खाद्य रंग है। जानवरों पर किए गए दर्जनों अध्ययनों (Ref) से पता चला है कि इसके इस्तेमाल से किडनी और आंतों के ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है।

वनस्पति तेल
वनस्पति तेल सूजन पैदा करने का काम करते हैं। कैनोला, सोयाबीन, मक्का, सूरजमुखी इसके बड़े उदाहरण हैं। इनके अलावा मूंगफली का मक्खन, जमे हुए खाद्य पदार्थ, ब्रेड, चिप्स, सलाद ड्रेसिंग, मार्जरीन आदि में पाया जाता है।

प्रोसेस्ड मीट
हॉट डॉग, लंच मीट और डिब्बाबंद मीट को ‘पुख्ता सबूत’ (Ref) के साथ कैंसर पैदा करने वाले ग्रुप में रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि इनके सेवन से कोलोरेक्टल और पेट के कैंसर हो सकता है। इनमें नाइट्रेट और फॉस्फेट होते हैं जो धमनियों को सख्त करते हैं।

सुक्रालोज़
डाइटरी सोडा, ड्रेसिंग, सिरप और एनर्जी ड्रिंक्स में पाया जाने वाला सुक्रालोज़ एक आर्टिफिशियल स्वीटनर है जो आंतों के अच्छे बैक्टीरिया के लिए हानिकारक है। सुक्रालोज़ से माइग्रेन, मूड खराब होना और सूजन हो सकती है।

मोनोसोडियम ग्लूटामेट
यह खतरनाक तत्व सूप, फ्रोजन फूड्स, चिप्स, बीफ और फास्ट फूड में पाया जाता है। MSG का उपयोग भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है लेकिन यह आपके दिमाग को यह बताने वाले संकेतों को रोक देता है कि आपका पेट भर गया है। यही वजह है कि इनसे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

एजोडीकार्बोनामाइड
ब्रेड और ब्रेड जैसे अधिकतर उत्पादों को बनाने के लिए एजोडीकार्बोनामाइड का उपयोग आटे को सफेद और लोचदार बनाने के लिए किया जाता है। अध्ययनों के अनुसार, यह घटक चूहों में फेफड़े और ब्लड कैंसर का कारण बना और मनुष्यों में कैंसर से भी जुड़ा हुआ है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------
E-Paper