सोनी सब पर ‘वागले की दुनिया – नई पीढ़ी, नए किस्से’ के शीहान कपाही
मुंबई, अप्रैल, 2025: सोनी सब का शो ‘वागले की दुनिया – नई पीढ़ी, नए किस्से’ मध्यमवर्गीय परिवारों के संघर्ष, जीत और भावनात्मक पलों को खूबसूरती से प्रस्तुत करता है। यह कहानी वागले परिवार—राजेश वागले (सुमीत राघवन), उनकी पत्नी वंदना (परिवा प्रणति), और उनके बच्चे साखी वागले (चिन्मयी साल्वी) और अथर्व वागले (शीहान कपाही) के इर्द-गिर्द घूमती है। शीहान ने छोटी उम्र में ही अभिनय की दुनिया में कदम रखा और अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस खास बातचीत में शीहान ने अपनी यात्रा, प्रेरणाएँ और भविष्य की योजनाओं के बारे में खुलकर बात की।
1. आपको ‘वागले की दुनिया’ का हिस्सा बने काफी समय हो गया है। यह सफर अब तक कैसा रहा?
चार साल हो गए, लेकिन ऐसा लगता है जैसे कल ही मैं पहली बार सेट पर आया था—नयेपन और घबराहट से भरा हुआ, यह जाने बिना कि यह जगह जल्द ही मेरा दूसरा घर बन जाएगी। यह सफर सिर्फ अभिनय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सीखने, बढ़ने और खुद को समझने का अवसर भी रहा। पहले सीन से लेकर आज तक, मैं न सिर्फ लंबाई में बढ़ा हूँ (सौभाग्य से), बल्कि समझदार भी हुआ हूँ। इस शो ने मुझे एक नई फैमिली दी है, जिसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूँगा—उन हँसी के पलों, सीखों, डांटों (जो प्यार का ही एक रूप थीं), और उन यादों के लिए, जो कैमरे बंद होने के बाद भी हमेशा मेरे साथ रहेंगी।
2. आपका किरदार अथर्व बहुत शरारती और एनर्जेटिक है। आप खुद कितने अथर्व जैसे हैं?
अथर्व और मैं कई मायनों में एक-दूसरे का प्रतिबिंब हैं। उसकी एनर्जी, जिज्ञासा और छोटी-छोटी चीज़ों में खुशी ढूँढने की आदत—यह सब मेरे अंदर भी है। लेकिन सबसे बड़ा अंतर? अथर्व की शरारतें स्क्रिप्टेड होती हैं, जबकि मेरी असली मुसीबतें खड़ी कर देती हैं! कई बार तो ऐसा लगता है कि अथर्व मुझसे ज्यादा मुझे सिखाता है—कि ज़िंदगी को बच्चों जैसी मासूमियत से देखना चाहिए और कभी भी वो जिज्ञासा खत्म नहीं करनी चाहिए।
3. इस शो में परिवार के मूल्य बहुत खूबसूरती से दिखाए जाते हैं। अब तक आपने सबसे बड़ा क्या सीखा है?
अगर ‘वागले की दुनिया’ ने मुझे एक सबसे बड़ी सीख दी है, तो वह यह है कि परिवार सिर्फ़ खून के रिश्ते तक सीमित नहीं, बल्कि प्यार और एक-दूसरे का साथ निभाने का नाम है। मैंने सीखा है कि गलतियाँ हमें परिभाषित नहीं करतीं, बल्कि हमें माफ करने वाले लोग हमें परिभाषित करते हैं। मैंने देखा है कि धैर्य, प्यार और समझदारी से सबसे गहरी तकलीफें भी दूर हो सकती हैं। और अगर मैं घर पर कुछ महंगा तोड़ दूँ? तो हाँ, यह भी सीखा है कि ‘हवा से गिर गया’ बहाना हमेशा काम नहीं करता—लेकिन ईमानदारी ज़रूर काम करती है!
4. अथर्व अक्सर मजेदार लेकिन चुनौतीपूर्ण स्थितियों में फँस जाता है। कौन-सा सीन आपके लिए सबसे मजेदार या मुश्किल था?
सबसे अविस्मरणीय पल वो था जब अथर्व ने सुपरमैन बनने का सपना देखा था। मैं आज भी उस कॉस्ट्यूम को पहनने का रोमांच, हार्नेस से बंधकर ‘उड़ने’ का एहसास और उस पूरे अनुभव की ख़ुशी महसूस कर सकता हूँ। वो एक जादुई पल था—जैसे किसी बचपन के सपने को जीना। उन कुछ पलों के लिए, मैं सिर्फ़ सुपरहीरो का अभिनय नहीं कर रहा था, बल्कि सच में एक सुपरहीरो बन गया था। और शायद यही अभिनय की असली खूबसूरती है—सपनों को जीने का मौका, भले ही कुछ पलों के लिए ही सही।
5. सेट पर आपका सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत कौन है? और अब तक मिली सबसे अच्छी सलाह क्या है?हर इंसान ने मुझ पर कुछ न कुछ असर डाला है, लेकिन सुमित सर मेरे लिए एक मार्गदर्शक की तरह रहे हैं। उनका आचरण, उनकी समझदारी और उनकी सादगी ने मुझे सिखाया है कि एक बेहतरीन अभिनेता बनने से पहले, एक अच्छा इंसान बनना ज़रूरी है। अब तक की सबसे बेहतरीन सलाह? ‘डायलॉग को सिर्फ़ बोलो मत—उसे महसूस करो।’ यह वो शब्द हैं जिन्होंने मेरे अभिनय को बदल दिया।”
6. अब तक आपके किरदार के लिए आपको सबसे अच्छी तारीफ कौन-सी मिली?
एक पल था जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता—एक गर्भवती महिला मेरे पास आईं, उनकी आँखों में भावनाएँ झलक रही थीं। उन्होंने मुझे गले लगाया और कहा, ‘बेटा, मेरे कमरे में तुम्हारी फोटो लगी है। मैं हर रात उसे देखकर सोती हूँ। मैं चाहती हूँ कि मेरा बेटा भी अथर्व जैसा हो।’ उस दिन मैंने महसूस किया कि जो हम स्क्रीन पर करते हैं, वह सिर्फ़ मनोरंजन नहीं होता, बल्कि लोगों की ज़िंदगी, उनकी भावनाओं और उनके सपनों का हिस्सा भी बनता है। मुझे अपनी आँखों में आँसू रोकने पड़े, यह जानकर कि किसी न किसी तरह, मैंने किसी की ज़िंदगी में बदलाव लाया है।
7. आने वाले ट्रैक में दर्शक क्या उम्मीद कर सकते हैं?
काश मैं सारे राज़ खोल सकता, लेकिन इतना कहूँगा कि… ये सफर बहुत मज़ेदार होने वाला है। इसमें हँसी होगी, सीखने को बहुत कुछ मिलेगा, और ऐसे पल होंगे जो आपको ऐसा महसूस कराएँगे कि आप भी हमारे परिवार का ही हिस्सा हैं। हमारे साथ बने रहिए—अथर्व की यात्रा तो अभी शुरू ही हुई है!
8. आपके फैंस आपको अथर्व के रूप में बहुत पसंद करते हैं। उनकी मोहब्बत और सपोर्ट को लेकर आप क्या महसूस करते हैं और उनके लिए आपका क्या संदेश है?
जब भी मैं अपने फैंस के बारे में सोचता हूँ, तो शब्द छोटे पड़ जाते हैं। हर मैसेज, हर मुस्कान, हर तारीफ—यही कारण है कि मैं यह सब करता हूँ। जिसने भी ‘वागले की दुनिया’ को कभी देखा है, और अथर्व में खुद की झलक देखी है, जो उसके साथ हँसते हैं, उसके लिए रोते हैं और उसके साथ बड़े हो रहे हैं—धन्यवाद! आप ही इस सफर की जान हैं। मैं वादा करता हूँ कि आगे भी आपको ऐसे किस्से सुनाता रहूँगा, जिन पर आप यकीन कर सकें।
देखना न भूलें ‘वागले की दुनिया – नई पीढ़ी, नए किस्से’, सोमवार से शनिवार,